रायपुर।26 सितम्बर 2019 को स्कूल शिक्षा विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक के दूसरे दिन व्याख्याता के लगभग चार हजार पदों की भर्ती का परिणाम सबसे पहले घोषित होने और उनकी जल्द नियुक्ति को लेकर खबरे आई है, उससे से शिक्षक संघ आहत है। संघ चाहते है, कि पहले सबका संविलियन हो..! उसके बाद नई नियक्ति हो…! इसी को लेकर शिक्षक संघ अब लाम बन्द होने लगे है। प्रेस नोट जारी करते हुए शालेय शिक्षाकर्मी संघ प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बताया कि फिर से शिक्षक शिक्षा कर्मी और नए प्रस्तवित शिक्षको के पदों के बीच असमानता का दौर शूरू होने वाला है। जिन शिक्षको का संविलियन नही हुआ है उनमें आक्रोष उत्पन्न हो रहा है साथ साथ असन्तोष व्याप्त है, क्योंकि नए भर्ती से जो शिक्षक पहले से शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे है वे सभी जूनियर हो जाएंगे, जो गलत है ।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बताया कि किसी भी प्रकार की भर्ती करने से पहले शासन को पंचायत विभाग में कार्यरत शिक्षको का शिक्षा विभाग में पूर्ण संविलियन किया जाना चाहिए, ऐसा नही किये जाने पर विभाग में पुनः असमानता उत्पन्न हो जाएगी, टकराव की स्थिति निर्मित होगी। शासन को चाहिए ही जनघोषणा के अनुरूप सभी शिक्षको का संविलियन किया जाए।
शालेय शिक्षाकर्मी संघ ने बयान जारी करते हुए कहा है, कि विभाग में जो भेदभाव लगभग समाप्त हो चुका है, पुनः ऐसी परम्परा की शुरुवात नही किया जाना चाहिए । अतः सरकार से अनुरोध है की ऐसे शिक्षक जो पंचायत विभाग में रहकर शिक्षा विभाग में लगातार अपनी सेवाएं दे रहे है उनकी सेवा अवधि को ध्यान में रखते हुए भर्ती के पूर्व सभी शिक्षक जिन्होंने सफलतापूर्वक दो वर्ष पूर्ण कर लिया है उनका संविलियन किया जाए। ज्ञातव्य है कि वर्तमान सरकार ने चुनावपूर्व जारी जन घोषणा पत्र में दो वर्ष पूर्ण कर चुके शिक्षको को तत्काल संविलियन की बात कही थी