बिलासपुर— हाईकोर्ट ने आरक्षण मामले में सुनवाई के बाद सुरक्षित रखे गए फैसले को जाहिर कर दिया है। हाईकोर्ट ने सरकार के 82 फीसदी आरक्षण अध्यादेश पर रोक दिया है। बताते चलें कि मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश की डबले बैंच में हुई। मामले को चीफ जस्टिस के अलावा डबल बैंच के दूसरे जज पार्थपतीम साहू ने सुना।
बताते चलें कि सरकार के 82 प्रतिशत आरक्षण को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में चार अलग अलग याचिका दायर की गयी थी। याचिका को सुनवाई मुख्य न्यायधीश पी आर रामचंद्र मेनन और पार्थ प्रतीम साहू की युगलपीठ में हुई। याचिका कर्ता के वकीलों ने सरकार के आरक्षण अध्यादेश का विरोध करते हुए अपनी दलीलों को पेश किया। वकीलों ने बताया कि 82 प्रतिशत आरक्षण संविधान के दिशा निर्देश और सुप्रीम की गाइडलाइन के खिलाफ है। मामले में सरकार की तरफ से वकीलो ने बताया कि आबादी के अनुसार 82 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना उचित है। इंदिरा साहनी रिपोर्ट में भी कहा गया है कि शर्तों के साथ आरक्षण को जनसंख्या के आधार पर दिया जा सकता है।
चार अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई के बाद डबल बैंच ने फैसला सुरक्षित रखा। आज फैसले में हाईकोर्ट ने आरक्षण अध्यादेश पर रोक लगा दिया है। कोर्ट में सामान्य आरक्षण पर विशेष आयोग बनाने की बात भी सामने आयी। हाईकोर्ट ने इस दौरान सभी बिन्दुओं को गौर से सुना।