प्रयास से खुली भर्राशाही…कलेक्टर सभी व्यवस्था के लिए जिम्मेदार…खाद्यमंत्री ने कहा..जवाबदारी समझे…होगी शिकायत

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- जिला प्रशासन और खासकर कलेक्टर जिले के सभी व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार हैं। उनकी जिम्मेदारी बनती है कि व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाएं। बातों को मीडिया तक तर्कसंगत से पहुंचाएं। जिला स्तर पर उनकी जिम्मेदारी भी बनती है। यदि ऐसा नहीं हो रहा है तो मैं शिकायतों को संज्ञान में लेता हूं। मामले की शिकायत ऊपर तक करूंगा। यह बातें खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने बिलासपुर प्रवास के दौरान कही। खाद्य मंत्री ने कहा कि हमने प्रयास से राशन कार्ड में भारी ग़ड़बड़ियों को पकडा है। इसमें मीडिया ने भी सहयोग किया है। प्रारंभिक स्तर पर कदम उठाया भी गया है। कर्मचारियों को स्थानांतरित कर जांच पड़ताल भी शुरू कर दिया है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

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                                    बिलासपुर अल्पप्रवास पर पहुंचे खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने मीडिया से बातचीत की। उन्होने कहा कि पुरानी गलतियों को किसी भी सूरत में दुहराने नहीं देंगे। राशन कार्ड बनाने में गड़बड़ियां संभव ही नहीं है। प्रारंभिक तौर पर बिलापुर में राशन कार्ड बनाने में भर्राशाही को पकड़ लिया गया है। हजारों राशन कार्ड गलत बनाए गए हैं। हमने तत्काल एफआईआर करने का आदेश दिया है। अधिकारियों का स्थानांतरण भी कर दिया है। जांच पड़ताल के बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

                 दोषी अधिकारियों को सजा के तौर पर अच्छे स्थान पर भेजा गया है। यह कैसी सजा है। अमरजीत ने कहा कि स्थानांतरम के समय अच्छी या बुरी जगह भेजने वाली बात को ध्यान नहीं दिया गया है। अभी तो प्रारंभिक शिकायत है। एफआईआर दर्ज भी हो गया है। जांच भी होगी। यदि अधिकारी दोषी होंगे तो सजा भी मिलेगी। समय और रिपोर्ट का इंतजार करिए । यदि अधिकारी दोषी होंगे तो उस स्थान पर ही पहुंचेंगे जहां उन्हें होना चाहिए।

                                     चाउर वाले बाबा और नान घोटाला को मुद्दा बनाकर आपकी सरकार बनी…क्या एक बार फिर नान घोटाला की पुनरावृत्ति का संकेत है। टनों अनाज आखिर जा कहां रहे हैं। सरकार का क्या कदम होगा। खाद्य मंत्री ने कहा कि नान घोटाला पुनरावृत्ति का सवाल ही नहीं उठता है। हमने कुछ ऐसी व्यवस्था की है कि दुबारा नान घोटाला का होना नामुमकिन है। भर्राशाही होते ही पकड़ लिया गया है। राशनकार्ड धारियों को आधारलिंक किया जा रहा है। गलती की संभावना होने का सवाल ही नहीं उठता है।

                        बिलासपुर में राशन कार्ड में भर्राशाही सामने आ चुकी है। राशन कार्ड अभी तक नहीं बांटा गया है। आप कलेक्टर को जिम्मेदार क्यों नहीं मानते हैं। भगत ने कहा कि बड़े काम में थोड़ी बहुत चूक संभव है। जिला प्रमुख होने के कारण कलेक्टर  सभी व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होता है।  पत्रकारों के सवाल पर कि फिर राशन कार्ड मामले में आप कलेक्टर को दोषी क्यों नहीं मानते…। जबकि वह हर बात को हल्के में लेते हैं। भगत ने कहा कि कलेक्टर राशन कार्ड में गड़बड़ियों को लेकर ही नहीं बल्कि जिले में किसी भी प्रकार की गलतियों या व्यवस्था से पल्ला झाड़ नहीं सकते हैं। सभी मामलों में उनकी जिम्मेदारी बनती है। यदि शिकायत है कि मामले को गंभीरता से नहीं लेते या टालते हैं तो कलेक्टर गलत करते हैं…ऐसा करना तर्कसंगत भी नहीं है। मामले को  हम उपर तक संज्ञान में लाएंगे।

                     एक सवाल के जवाब में खाद्यमंत्री ने कहा कि हम आपके सवाल को सही मानकर भी पूरा गलत नहीं मानते हैं। भगत ने कहा कि यदि परिवार का कोई सदस्य छूट गया है तो वह दूसरा कार्ड बनाएगा। लेकिन एक व्यक्ति का दो राशन कार्ड बनना संभव नहीं है।

                 कौन कौन मंत्री खतरे में है..सवाल के जवाब में भगत ने कहा कि मंत्री बदलना नए को मौका देना मुख्यमंत्री का अधिकार है। फिलहाल हमें जो जिम्मेदारी मिली है…उसका निर्वहन कर रहे हैं। यानि आप खतरे में नहीं है…तो खतरा किस पर है। सवाल टालते हुए खाद्यमंत्री ने कहा कि खतरा का सवाल ही नहीं है। जनता ने हमें बम्फाड़ जनत दी है। ऐसे में खतरे का सवाल ही नहीं उठता है।

                             एक अन्य सवाल पर भगत ने बताया कि हमने यूनिवर्सल खाद्य वितरण की प्रक्रिया को अपनाया है। यह सच है कि चापवल का रिकार्डतोड़ उत्पादन हुआ है। और प्रदेश में होता ही रहा है। अतिरिक्त चावल का हम वितरण करेंगे। एपीएएल बीपीएल सभी को चावल देंगे। दो महीने का चावल वितरण एक साथ करेंगे। छत्तीसगढ़ कुपोषण के खिलाफ जंग लड़ने  वाला अग्रणी राज्य है। इसलिए हम लगातार प्रयास भी कर रहे हैं कि पोषण को लेकर किसी भी सूरत में कमी ना हो। इस प्रयास के लिए मैं व्यक्तित रूप से मुख्यमंत्री को धन्यवाद और शुभकामनाएं देता हूं।

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