4 महीने से नहीं मिला हजारों शिक्षकों का वेतन..दीपावली सिर पर…नाराज मास्टर तैयार कर रहे आंदोलन की रणनीति

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— सविलियन के बाद भी शिक्षाकर्मी से शिक्षक बने मास्टरों को वेतन के लिए जूझना पड़ रहा है। चार महीने से वेतन नहीं मिलने से हजारो शिक्षको में नाराजगी है। शिक्षकों ने बताया कि शासन पर दबाव बनाएंगे कि चार महीने का वेतन दीपावली के पहले भुगतान किया जाए। नाराज शिक्षक अब आंदोलन के लिए रणनीति भी बनाना शुरू कर दिया है।
                                 छत्तीसगढ़ में 1 जुलाई 2019 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में आठ साल की सेवा पुर्ण करने वाले प्रदेश के हजारों शिक्षको को अभी तक वेतन नहीं मिला है। विभागीय नजरअंदाजी का खामियाजा शिक्षको को भुगतना पड़ रहा है। सिर पर दीपावली का महापर्व है। लगातार चार महीने से वेतन नही मिलने के कारण शिक्षकों के परिवार की हालत ठीक नहीं है। शिक्षको का भी धैर्य टूटने लगा है । एक बार फिर सभी शिक्षक आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने लगे हैं।
             नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित कुमार नामदेव ने बताया कि प्रदेश में शिक्षा विभाग में एक जुलाई 2019 को संविलियन किया गया। संविलनियन हुए कई शिक्षकों को जुलाई-अगस्त सितंबर और अक्टूबर का वेतन नहीं मिला है। खाली जेब के साथ तीजा पोला,ईद समेत दशहरा पर्व मनाना पड़ा है। पंचायत नगरीय निकाय संवर्ग के शिक्षकों को आवंटन के अभाव में 4 महीन से वेतन नहीं मिला है। जिसके चलते शिक्षकों में भारी आक्रोश है।
                      अमित  नामदेव ने बताया कि 1 जुलाई 2019 को शिक्षा विभाग में संविलियन होने वाले प्रदेश के हजारों शिक्षको का प्रान नंबर जिला कोषालय में दर्ज किया गया। लेकिन शिक्षा विभाग के डी डी ओ. में प्रान नम्बर आज तक शिफ्ट नही किया गया है।जिसकी वजह से शिक्षकों का ऑनलाइन वेतन जनरेट नही हो रहा है।
                      नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपुत , उपाध्यक्ष अमित कुमार नामदेव महासचिव गिरीश साहू की अगुवाई में शिक्षकों का एक प्रतिनिधि मंडल मंत्रालय में शिक्षा विभाग एवं वित्त विभाग के उच्य अधिकारियों से मुलाकात स्थिति से अवगत कराया है। वेतन विलंब संबंधी समस्या को दूर करने की बात की है। दोनो विभाग के समन्वय से तत्काल समस्या का निराकरण करने को कहा है। ताकी  दीपावली से पहले सभी शिक्षकों को पुराने वेतन का भुगतान आसानी हो सके।
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