सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ दो साल पहले दर्ज प्रकरण को खत्म करने की कोर्ट से अनुमति, जानिए क्या है मामला

Shri Mi
4 Min Read

bhupesh baghel,congress,amit jogi,mayawati,chhattisgarh,vidhansabha election,news,cgwallरायपुर।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(Bhupesh Baghel) के खिलाफ दो वर्ष पुराने मामले को खत्म करने की अनुमति कोर्ट ने दे दी है। राज्य आर्थिक अपराध एवं अन्वेषण ब्यूरों द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(Bhupesh Baghel) के खिलाफ लगभग दो वर्ष पूर्व दाखिल प्रकरण को खत्म करने की अनुमति विशेष अदालत ने दे दी है। बता दें कि पाटन के पूर्व विधायक व वर्तमान सांसद विजय बघेल(Vijay Baghel) की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे

Join Our WhatsApp Group Join Now

इस मामले में जांच के बाद अपराध संबंधी किसी प्रकार के साक्ष्य नहीं मिलने का हवाला देते हुए जांच एजेंसी ने अदालत में प्रकरण को खत्म करने के लिए आवेदन दाखिल किया था। जिस पर विचार करने के बाद विशेष न्यायाधीश अजीत कुमार राजभानू ने यह फैसला दिया है।

भिलाई विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) के कार्यकाल के दौरान पाटन क्षेत्र के पूर्व विधायक व वर्तमान सीएम भूपेश बघेल(Bhupesh Baghel) पर गलत तरीके से प्लाट आवंटन कराए जाने का आरोप लगाया गया था। गरीब वर्ग के लिए आरक्षित 6 आवासीय प्लाट को एक बनाकर आवंटित किए जाने का आरोप था। कुल 12 प्लाट को दो समूह बनाकर भूपेश बघेल की मां बिंदेश्वरी बघेल व पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल के नाम आवंटित किए गए थे।

इस आवंटन में विधायक व साडा के पदेन सदस्य भूपेश बघेल पर अपने पद का दुरुपयोग किए जाने का भी आरोप था। इस मामले की शिकायत पाटन के तत्कालीन विधायक व वर्तमान सांसद विजय बघेल(Vijay Baghel) ने आर्थिक अपराध व अन्वेषण ब्यूरों के समक्ष 22 जुलाई 2015 को की थी।

शिकायत के आधार पर ईओडब्लू ने 2 मई 2017 को भूपेश बघेल के खिलाफ दफा 120 बी के साथ आर्थिक अपराध निवारण अधिनियम की धारा 13(1) डी, 13(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विचारण के लिए प्रकरणों को न्यायालय में समक्ष प्रस्तुत किया था।

प्रकरण विशेष न्यायाधीश अजीत कुमार राजभानू की अदालत में विचाराधीन था। इसी दौरान ईओडब्लू ने इस मामले में जांच के दौरान भूपेश बघेल(Bhupesh Baghel) के खिलाफ आर्थिक अपराध किए जाने के साक्ष्य नहीं मिलने की जानकारी न्यायालय को दी थी।

प्रकरण न्यायालय में चलने योग्य नहीं होने का हवाला देते हुए प्रकरण का खात्मा किए जाने का आवेदन प्रस्तुत किया गया था। इस मामले में शिकायतकर्ता ने इसे खत्म करने पर आपत्ति दर्ज करते हुए विरोध किया था। शिकायतकर्ता ने अदालत को बताया कि आरोपी भूपेश बघेल(Bhupesh Baghel) के खिलाफ पद का दुरुपयोग कर लाभ प्राप्त करने के इस मामले में पर्याप्त साक्ष्य है।

जिन पर न्यायालय में विचार किया जा सकता है। वहीं अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक सुदर्शन महलवार ने तर्क दिया कि साडा स्वतंत्र इकाई थी। जिसे प्लाट को किसी भी आकार में काट कर आवंटन करने का अधिकार प्राप्त है।

भूपेश बघेल(Bhupesh Baghel) के परिवार के सदस्यों ने साडा द्वारा निर्धारित दर के अनुसार भुगतान कर प्लाट का आवंटन प्राप्त किया था। इस प्रकरण में कहीं भी यह दर्शित नहीं होता कि भूपेश बघेल ने पद का दुरोपयोग कर अनुचित तरीके से अपने परिजनों को आर्थिक लाभ पहुचाया है।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close