Chhattisgarh : पिछले 4 महीने में शराब की खपत में आई कमी , कांग्रेस में कहा – सरकार के ठोस प्रयासों का असर

Shri Mi
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कांग्रेस,नए बयान ,सामने, नान घोटाले ,भाजपा ,कार्यकाल ,खुला,घोटाला,कांग्रेस,जांच,Abhishek Singhvi, Election Commission, Chunav Result, Election Result, Modi Prachar Sanhita,,Congress Delhi Candidates List,Agusta Westland Case, Christian Michel, Ed, Rahul Gandhi, Sonia Gandhi,,Rajasthan Election, Congress Manifesto, Jan Ghoshna Patra, Farm Loans, Congress Manifesto Rajasthan, Congress Jan Ghoshna Patra, Sachin Pilot, Rajasthan,रायपुर।पिछले चार महिनों में छत्तीसगढ़ में शराब की खपत में 10 से 15 प्रतिशत तक आई कमी को कांग्रेस ने भूपेश बघेल सरकार के सकारात्मक और ठोस पहल का नतीजा बताया है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुरू से ही राज्य में शराब की खपत कम करने के प्रयास में लगे हैं। शराब की खपत में आई कमी कांग्रेस सरकार की राज्य में शराबबंदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था हम राज्य में पूर्ण शराबबंदी को चरणबद्ध तरीके से करेंगे।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे

शराब एक सामाजिक बुराई है लोगों में शराब के बुराई के प्रति जनजागरण करके शराबबंदी लागू हो सकती है। भूपेश बघेल सरकार के जनजागरण के कारण ही लोग शराब से दूर हो रहे है। कांग्रेस सरकार ने लोगों में शराब के सेवन को हतोत्साहित करने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठायें हैं। राज्य में वित्तीय वर्ष 2018-19 में 701 शराब दुकानें संचालित थी।

इनमें 377 देसी शराब और 324 दुकानों से विदेशी शराब बेची जाती थी, लेकिन वित्तीय वर्ष 2019-20 में कांग्रेस सरकार ने 50 शराब दुकानों को बंद कर दिया, जिससे अब राज्यभर में 650 देसी व अंग्रेजी शराब दुकानें बची है, जो शराब की खपत कम होने की बड़ी वजह है।

छत्तीसगढ़ में औसतन देसी शराब दुकानों से 40 लाख लीटर और अंग्रेजी शराब दुकानों से 25 लाख लीटर खपत होती है। अचानक जून से खपत में कमी आने लगी है, जो सितंबर में 10 फ़ीसदी तक कम हो गई है। इस हिसाब से 4 लाख लीटर की देसी शराब की खपत कम हुई है।

मैदानी क्षेत्रों में रायपुर, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा के साथ बस्तर संभाग के जिलों में शराब खपत में कमी आई है जो राज्य के लिये एक शुभ संकेत है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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