जोगी ने मेरा ही नहीं…पूरे आदिवासी समाज का किया नुकसान…कहने में हर्ज नहीं कि….अजीत जोगी आदिवासी नहीं है

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— जो बीत गयी..वह बात गयी..अब पुरानी बातों का दुहराना क्या। लेकिन यह सच है कि जोगी ने मेरा ही नहीं..बल्कि प्रदेश के सभी आदिवासियों का हक मारा है। आदिवासी समाज के छल किया है। आदिवासी समाज कभी माफ नहीं करेगा। यह बातें अनुसूचित जन जाति आयोग के राष्ट्रीय प्रमुख डॉ.नन्दकुमार साय ने कही। साय ने कहा कि अब तो जाहिर हो गया है कि अजीत जोगी आदिवासी नहीं है। अब वही जाने की आखिर वह हैं क्या। हाइपावर कमेटी ने सब कुछ साफ कर दिया है। लेकिन अजीत जोगी आज भी खुद को आदिवासी बताने हाथ पैर मार रहे हैं। सुना है कोई मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है।

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                    आदिवासी समज के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे अनुसूचित जनजाति आयोग के चैयरमैन डॉ.नन्दकुमार साय ने पत्रकारों से बातचीत की। बातचीत के दौरान डॉ.साय ने अजीत जोगी को फर्जी आदिवासी बताया। साय ने कहा कि जोगी ने आदिवासी समाज के साथ छल किया है। सवाल जवाब के दौरान साय ने बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग आदिवासी समाज के हितों के लिेए ही काम करता है। सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगी। हम लोग आदिवासी समाज की शिकायतों को सुनते हैं…उसका निराकरण करते हैं। किसी की जाति मा्मले को लेकर शिकायत होती है..तो किसी को प्रमोशन के दौरान आनी वाली कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। हम आदिवासी हित और उनकी समस्यायों को दूर करने लगातार काम कर रहे हैं।

                    आदिवासी हित की बात करते है..लेकिन अपने ही विवाद को सुलझा नहीं पा रहे। सवाल के जवाब में साय ने कहा कि यदि आप पूर्व मुख्यमंत्री के बारे में कह रहे हैं तो वह बहुत लम्बी कहानी है। लेकिन हाईपावर कमेटी ने फैसला कर दिया है। पहले भी किया था। लेकिन कोई ना कोई कारण बता कर जोगी बच निकलते थे। इस बार ऐसा नहीं है। हाईपावर कमेटी ने जमीनी जानकारी के बाद जोगी को आदिवासी नहीं माना है। जोगी आदिवासी नहीं है। उन्होने आदिवासी समाज को बदनाम और छल किया है। कमेटी ने स्पष्ट कर दिया है कि जोगी का प्रमाण पत्र फर्जी है।

                               तात्कालीन महाधिवक्ता ने भी जोगी के मामले में एक मामला पेश किया था बाद में उन्होने मामले को वापस ले लिया। आखिर रिपोर्ट में था क्या। डॉ.साय ने कहा कि एक जानकारी आयी है कि सरकार ने तात्कालीन समय कुछ वापस लिया था। लेकिन अभी हाल में जानकारी मांगी गयी कि क्या कुछ ऐसा हुआ था। सरकार ने जवाब दिया है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। किसी प्रकार की जानकारी को कोर्ट से वापस नहीं लिया गया था। आखिर रिपोर्ट को किसने लिया यह जाच का विषय है।

                                              क्या जोगी आदिवासी हैं…सवाल पर..साय ने कहा कि बिलकुल आदिवासी नहीं है। अब तो कमेटी ने भी जांच के बाद स्प्ष्ट कर दिया है। रिपोर्ट ने जमीनी छानबीन के बाद निर्णय दिया है। साय ने बताया कि जाती का मामला कोर्ट नहीं तय करता है। लेकिन अब यह सिद्ध हो चुका है कि जोगी आदिासी नहीं है।वह क्या हैं इसकी जानकारी हमें नहीं है। इसे जोगी ही बता सकते हैं।

              क्या जोगी ने आपका नुकसान किया है। सवाल के जवाब में साय ने बताया कि मेरा ही नहीं..उन्होने फर्जी आदिवासी बनकर पूरे आदिवासी समाज का नुकसान किया है। क्या आप मुख्यमंत्री होते…साय ने कहा संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता था। लेकिन जो बीत गयी..वह बात गयी। जोगी ने नुकसान जरूर किय है।

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