बिलासपुर—-सूर्य देव और छठी मैया की आराधना का पर्व छठ पूजा में डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देने का महत्व होता है। खरना के दूसरे दिन यानी कार्तिक शुक्ल षष्टी तिथि 2 नवंबर की शाम को डूबते सूर्य को संध्या अर्घ्य दिया जाएगा।  इसके बाद दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल सप्तमी 3 नवंबर की सुबह सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा।  इसके बाद ही 36 घंटे का निर्जला उपवास पूरा होगा।

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