जब वकीलों ने कहा…हमें भीख नहीं.. अधिकार चाहिए..क्योंकि रिकार्ड तोड़ कमाई देतें हैं…

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर…हवाई सुविधा जन आंदोलन अखंड धरना के 14 वें दिन जिला अधिवक्ता संघ बिलासपुर धरना स्थल पहुंचकर हवाई सेवा मांग का समर्थन किया है। इस दौरान अधिवक्ता संघ प्रतिनिधिमंडल ने बिलासपुर में सर्वसुविधायुक्त एयरपोर्ट की मांग को मजबूती के साथ उठाया। साथ ही हवाई सेवा की सुविधा की मांग को लेकर जन आंदोलन को व्यापक स्तर तक समर्थन देने का एलान किया।

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                    अधिवक्ताओं ने कहा कि छत्तीसगढ राज्य का दूसरा प्रमुख शहर बिलासपुर है। राज्य बनने के 19 साल बाद भी बिलासपुर को हवाई सुविधा से वंचित रखा गया। निश्चित रूप से यह यज्ञ सवाल है कि आखिर आज तक बिलासपुर को हवाई सेवा जोड़ा क्यों नही गया।

             अधिवक्ताओं ने बताया कि बिलासपुर में छत्तीसगढ़ राज्य का हाईकोर्ट है। देश को सर्वाधिक आय देने वाला रेलवे जोन है। राज्य का एक मात्र केन्द्रीय विश्व विद्यालय भी बिलासपुर में ही है। इसके अलावा 100 किलोमीटर की परिधि में कोरबा, जांजगीर-चांपा, मुंगेली और पेण्ड्रारोड जिला मुख्यालय भी है। इनमें कई जगहों पर राज्य के बडे औद्योगिक संस्थान काम कर रहे हैं। बिलासपुर से छत्तीसगढ के अन्य दो प्रमुख शहर और सरगुजा और रायगढ़ क्षेत्र लगा हुआ है। यदि बिलासपुर में हवाई सेवा दी गयी तो इसका फायदा सरगुजा और रायगढ़ के लोगों को भी होगा।                           

                 अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि छत्तीसगढ़ की आबादी लगभग 1.50 करोड से अधिक है। बिलासपुर राज्य के केन्द्र में भी स्थित है। इस बात को ही ध्यान में रखकर साल 1988 में बिलासपुर के चकरभाठा हवाई अड्डे से वायुदूत की सेवाएं शुरू हु। बाद में बन्द भी कर दिया गया। लेकिन इस दौरान किसी भी सरकार ने  हवाई अड्डे के विस्तार पर ध्यान नही दिया।

            वर्तमान समय में चकरभाटा एअरो स्ट्रिप की चौड़ाई 30 और रनवे 1500 मीटर है। नियमानुसार यहां से 78 सीटर विमान को संचालित किया जा सकता है। क्षेत्र में रनवे विस्तार के लिए अतिरिक्त भूमि भी उपलब्ध है।  रनवे का विस्तार भी आसानी से किया जा सकता है। रायपुर से उड़ने वाले हवाई जहाजों में 40 प्रतिशत से अधिक यात्रियों की भागीदारी बिलासपुर सरगुजा संभाग की है।

                    व्यवसायिक रूप से बिलासपुर से हवाई सुविधा शुरू होने पर यात्रियों की संख्या में और भी बढोत्तरी होगी। सभा को संबोधित करते हुये जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष ने कहा कि हवाई सेवा नहीं होने से सुप्रीम कोर्ट के स्वनामधन्य वकील बिलासपुर आने से बचते हैं।

             अधिवक्ता अनुराग वाजपेयी ने कहा कि समझ में नही आता कि बिलासपुर को अपना बिना लडे क्यों नही मिलता है। यह जानते हुए भी लड़ाई झगड़ा ठीक नहीं है। बावजूद ऐसा ही होता है। अधिवक्ता ठाकुर सुरेश सिंह गौतम ने कहा कि बिलासपुर में एयरपोर्ट के निर्माण के बगैर विकास अधूरा है। बहुत सारे संस्थान बिलासपुर में एयरपोर्ट नही होने के कारण ही नहीं आ रहे है।अधिवक्ता रवि पाण्डेय ने जोशला भाषण दिया। उन्होने कहा कि बिलासपुर के लोग भीख नहीं मांग रहे है। बल्कि हजारों करोड राजस्व देने के बदले थोड़ा सा अपना थोड़ा सा अधिकार ही मांग रहे है। विवेक पाण्डेय, शंकर चतुर्वेदी, शैलेन्द्र गोरख,सुखीराम साहू, श्वेता शास्त्री , आषीश घोरे, दीपाली मजूमदार, प्रेम देवागंन, भीम सिंह,निरंजन कष्यप, राकेष मिश्रा, सुरजीत सिंह राजेष यादव भी धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। 

                  युवा चैम्बर आफ कामर्स छत्तीसगढ के पदाधिकारी सुरेन्दर सिंह चावला ने कहा कि
हवाई सुविधा नही होने से बिलासपुर में बडे उद्योग का लगना नामुमकिन हो गया है। नवदीप सिंह अरोरा ने कहा कि यदि बिलासपुर शहर को औद्योगिक विकास से जोड़ना है तो हवाई सुविधा का होना बहुत जरूरी है।युवा चैम्बर आफ कामर्स से किरनपाल चावला, अंचित भण्डारी, परमिन्दर सिंह टुटेजा, उत्तम अग्रवाल, अनूप अरोरा, बजरंग अग्रवाल, महितोश सराफ, राजेश अग्रवाल ने भी धरना का समर्थन किया।

                           धरना आंदोलन में शामिल होने वाले अन्य प्रमुख जनों में अशोक भण्डारी, डाॅ.तरू तिवारी, देवेन्द्र सिह, रोहित तिवारी, समीर अहमद, राकेश केशरी, बद्री यादव, गणेश  रजक, रामदुलारे रजक, दीपांषु श्रीवास्तव, अनिल शुक्ला, अभिषेक सिंह, राजा अवस्थी, गोपाल दुबे, भुट्टो राज, केषव गोरख, अमित नागदेव, विजय गुर्जर, राजेश जायसवाल, राजू खटिक, कमलेश दुबे, संजय पिल्ले जसबीर गुंबर, सुधीर चौधरी, राजकुमार तिवारी, सुधीर कुमार, अजीत पंडित, बजरंग गुप्ता ने अपना समर्थन दिया।

                 राकेश शर्मा ने बताया कि रणनीति के तहत हवाई सेवा आंदोलन के  पंद्रहवें दिन छत्तीसगढ़ लिपिक संघ का प्रतिनिधि मण्डल शामिल होगा। 

 

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