नागोराव शेष नगर वार्डः हमेशा पारिवारिक वातावरण में मतदान ..खेमेबाजी का निर्दलियों को मिला फायदा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— निकाय चुनाव की धीरे धीरे ही सही..लेकिन उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। प्रत्याशी भी टिकट पाने के लिए जोर जुगाड़ शुरू कर दिया है। कई लोग तो अभी से ही कहना शुरू कर दिया है कि यदि संगठन ने भरोसा नहीं जताया तो निर्दलीय होकर मैदान में उतरेंगे। ऐसी तस्वीर कांग्रेस ही नहीं बल्कि भाजपा में दिखाई दे रही है।
 
             परिसीमन के बाद वार्डो में बड़ा परिवर्तन आया है। जिसके कारण नेताओं की परम्परागत वोट प्रभावित हुआहै। इस बात को लेकर जहां कुछ के चेहरे कमल की तरह खिले तो  सिर पर हाथ रखकर दुख जाहिर कर रहे हैं।
 
परिसीमन के बाद बदला स्वरूप
 
                         परिसीमन के बाद किला वार्ड नए स्वरूप में नागोराव वार्ड के नाम से बढ़े हुए मतदाताओं के साथ सामने आया है।  परिसीमन के बाद वार्ड में मतदाताओं की आबादी बढ़ी है। इस बार चुनाव में महिला ओबीसी को मौका दिया जाएगा। नागोराव शेष नगर में बाजार वार्ड के करीब 800 से अधिक बाल्मिकी समाज के मतदाता नए पार्षद का चुनाव करेंगे। कृष्णानगर वार्ड से देवांगन समाज और कैवर्त समाज भी नए पार्षद को चुनने के लिए तैयार हैं। वार्ड में ब्राम्हण, बनिया, देवांगन, साहू मतदाताओं की संख्या प्रभावशाली है।
  
              नागोराव शेष नगर वार्ड जूना बिलासपुर का पर्याय है। यहां आज भी पुरानी और  लोक परम्परा जीवित है। कमोबेश सभी मतदाताओं के बीच ब्राह्म्ण और बनिया परिवार विशेष तवज्जो। यहां का मतदाता आज भी बनिया और ब्राम्हणों को अपना सरपरस्त मानता है। यही कारण है कि जूना बिलासपुर में यह दोनों जातियां मतदान की दिशा और दशा निश्चित करते हैं।
 
                        नागरोव शेष नगर वार्ड पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित किया गया है। वार्ड में बैनर पोस्टर की भरमार से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां कांग्रेस से ज्यादा भाजपा से टिकट पाने की होड़ है। भाजपा से टिकट के लिए मनोज देवांगन की पत्नी अर्चना देंवागन…और गैर राजनीतिक चेहरा संतोषी देवांगन हाथ पैर मार रही है। टिकट की दौड़ में दीपक साहू की पत्नी एकता साहू का भी नाम प्रमुखता से सामने आया है।
 
                                राजनीति में रूचि रखने वाले स्थानीय लोगों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी एकता साहू को टिकट दे सकती है। ऐसे लोग लोग तर्क देते हैं कि एकता का मायका और ससुराल दोनों ही नागोराव शेष नगर वार्ड मेैं है। एकता का जन्म क़िलावार्ड जुना बिलासपुर में हुआ है। पढ़ी लिखी हैं। दोनों परिवार की सर्व समाज के ताने बाने में अच्छा स्थान है। वार्ड में भाजपा मतदाताओं की संख्या अधिक है। इसका फायदा एकता साहू को मिलना निश्चित है।
 
जीत का दावा..हार का फरमान
 
                       स्थानीय लोगों की मानें तो एकता साहू के दोनों परिवार का ब्राम्हण, बनिया,सिन्धी, बोलर,रजक,साहू,देवांगन और कैवर्त और वाल्मिकी समाज में अच्छी पकड़ है। चूंकि एकता का पति दीपक साहू भाजपा नेता के साथ व्यवहार कुशल हैं। जनता से जीवन्त सम्पर्क है। जाहिर सी बात है कि भाजपा एकता साहू पर दांव लगा सकती है। यदि ऐसा हुआ तो जीत भी निश्चित है। स्थानीय लोगों को यह भी मानना है कि संतोषी देवांगन को टिकट मिलना मुश्किल है। क्योंकि संगठन को मालूम है कि पिछले निकाय चुनाव के समय वह कांग्रेस पार्षद धनराज देवांगन और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के साथ खड़ी थी। 
   
                    भाजपा से एकता साहू के अलावा भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े अशोक मानिकपुरी की पत्नी भी टिकट की दावेदार हैं। कांग्रेस में धनराज देवांगन की भाभी भी टिकट पाने के लिए सक्रिय प्रयास कर रही हैं।
 
                        राजनीति में रूचि रखने वाले वार्डवासियों ने बताया कि नागोराव शेष नगर में कुछ जातियों को छोड़ दिया जाए तो कमोबेश सभी जाति समाज के मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर ही है।  वार्ड में जातिगत समीकरण हमेशा औंधे मुह गिरा है। वार्ड के लोग में जुना बिलासपुर को परिवार की तरह देखने की आदत है। यहां से वही प्रत्याशी बाजी मारता है जो मिलनसार होने के साथ हमेशा सुख दुख में भागीदारी करता है। क्योंकि यहां का मतदाता जाति धर्म से ऊपर उठकर मतदान करता है।
 
                नागोराव शेष नगर वार्ड में भाजपा फिलहाल भाजपा की टीम काफी संगठित नजर आ रही है लेकिन कांग्रेस में खेमेबाजी चरम पर है। यदि यहां कोई निर्दलीय बाजी मार जाए तो पुराने रिकार्ड को देखते हुए किसी को आश्चर्य नहीं होगा। 
 
अब तक का लेखा जोखा
 
                              1984  निकाय चुनाव में कांग्रेस के  विजय पाण्डेय ने जनसंघ के होरीलाल देवांगन को हराया। 1994 में नागोराव शेष नगर से निर्दलीय रामदुलारे रजक ने भाजपा के किसान कैवर्त पर जीत हासिल की। कृष्णा नगर से 1999 में कांग्रेस के शिव प्रताप साव ने भाजपा के ओमप्रकाश देवांगन को हराया। 2004 में निर्दलीय आदेश पाण्डेय ने भाजपा के यशवंत गुप्ता को हराया। देवांगन ,बनिया,और ब्राम्हण बहुल वार्ड में देवांगन समाज से होरीलाल देवांगन, ओमप्रकाश देवांगन ,शशी देवांगन क्रमशः भाजपा, कांग्रेस की टिकट पर चुनाव हार चुकी हैं। जबकि जनसंख्या में कम रजक,यादव और कैवर्त  समाज ने ब्राम्हण और बनिया समाज की मदद से एक बार निर्दलीय और दो बार भाजपा से जीत हासिल की है। लोगों की मानें तो एकता साहू को भाजपा टिकट दे या ना दे..यदि चुनाव मैदान में उतरती हैं तो वार्ड की बहू और बेटी होने के नाते स्थानीय लोग एकता को जीताने एड़ी चोटी का जोर लगाएंगे।
 
 
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