आर्थिक नाकेबन्दी का सवाल और बोले केन्द्रीय मंत्री..फिर कौन खरीदेगा धान…मूल्य बढ़ाते समय तो नहीं पूछा..राज्य सरकार निभाए धर्म

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— स्वदेशी मेला में आयोजित कार्यक्रम के बाद केन्द्रीय इस्पात मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने पत्रकारों से बातचीत की। उन्होने बताया कि राज्य सरकार ने हमसे पूछकर धान का समर्थन मूल्य निर्धारित नहीं किया है। और अब केन्द्र पर दबाव बनाने किसानों की राजनीति कर रहे हैं। समर्थन मूल्य को लेकर आर्थिक नाकेबन्दी की बात गलत है। सभी मसलों का हल होता है। बैठकर बातचीत होगी। परिणाम भी सामने आएगा। और मुझे कुछ नहीं कहना है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्स्स्एप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए

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             स्वदेशी मेला कार्यक्रम में भाग लेने केन्द्रीय इस्पात मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते बिलासपुर पहुंचे। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। यदि केन्द्र ने 2500 रूपए समर्थन मूल्य नहीं दिया तो आर्थिक नाकेबन्दी होगी। आप इस बात से कितना सहमत है। इस्पात मंत्री ने कहा यदि ऐसा कुछ हुआ तो धान कौन खरीदेगा। पिछले साल तक यहां हमारी सरकार थी। लेकिन किसानों के सामने किसी प्रकार की परेशानी नहीं आयी। 

                 केन्द्रीय इस्पात मंत्री ने कहा कि किसानों के सामने यदि कोई परेशानी होती है और राज्य सरकार मदद मांगती है तो उस पर विचार किया जाएगा। जहां तक समर्थन मूल्य दिए जाने की बात है तो जो उचित और नियम है उसके अनुसार मदद दी जाएगी। जहां तक किसानों की समस्या की बात है तो उसे राज्य सरकार को ही प्राथमिकता के साथ हल करना है।

             धान का समर्थन मूल्य  केन्द्र क्यों देने को तैयार नहीं है। सवाल के जवाब में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि समर्थन मूल्य तय कर सकते समय कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए। पहले भी इस प्रकार के कई अवसर आए हैं। लेकिन राज्य सरकार को सब कुछ करना है। धान का जो भी सपोर्ट प्राइज है उसका हम समर्थन करते हैं। फिर आप सेन्ट्रल पूल का चावल खरीदने से क्यों इंकार कर रहे हैं। कुलस्ते नें कहा खरीदना तो राज्य सरकार को है।

                         कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम ने एलान किया है कि यदि समर्थन मूल्य नहीं दिया गया या चावल नहीं खरीदा गया तो आर्थिक नाकेबन्दी करेंगे। सवाल के जवाब में केन्द्रीय इस्पात मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार केन्द्र से जो अपेक्षा करती है उसे उचित प्लेटफार्म पर रखे। इसके बाद केन्द्र सरकार मसले विचार विमर्श करेगी। क्या कुछ मदद हो सकती है..उस पर बातचीत होगी। लेकिन आर्थिक नाकेबन्दी की बात ठीक नहीं है। जब बात सामने आएगी तो मैं भी कुछ कहूंगा। इस समय इस पर कुछ कहना उचित नहीं है। जहां उचित होगा मैं भी अपनी बात रखूंगा। 

                बातचीत के दौरान फग्गन सिंह ने कहा कि राज्य को अपना धरम निभाना चाहिए। जितना हो सके किसानों की मदद होनी चाहिए। हमने भी किसानों के लिए बहुत किया है।

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