अब बेरोजगारों ने दी धमकी..कहा नौकरी नहीं तो..आर्थिक नाकेबन्दी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर– आईटीआई अप्रन्टिस संघ ने राज्य और केनद्र सरकार को खुली चुनौती दी है। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि राज्य और केन्द्र सरकार के संस्थानों में लाखों पद खाली है। निजी संस्थानों में भी कर्मचारियों की कमी है। बावजूद इसके भर्ती नहीं की जा रही है। यदि भर्ती हो भी रही है तो बाहरी लोगों को स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है। यदि खाली पदों पर स्थानीय लोगों को रोजगार पर नहीं रखा जाता है तो संगठन के बैनर तले पहले आंदोलन किया जाएगा। इसके बाद 28 नवम्बर को आर्थिक नाकेबन्दी किया जाएगा। जानकारी हो कि छत्तीसगढ़ आईटीआई आप्रेन्टिस संघ के संरक्षक पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी है।

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                  छत्तीसगढ़ आईटीआई आप्रेन्टिस संघ के बैनर तले टेक्निकल प्रशिक्षित लोगों ने मांग की है कि उन्हें उसी संस्थान में नौकरी दी जाए जहां से उन लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। यह जानते हुए भी इन संस्थानों में कर्मचारियों की भारी कमी है। बावजूद इसके उन्हें इन संस्थानों में रोजगार नहीं दिया जा रहा है।संघ के नेताओं ने बताया कि प्रदेश में लाखों की संख्या में पालिटेक्निक,इंजीनियरिंग और प्रशिक्षत आईटीआई युवक बेरोजगारी की दंश झेल रहे हैं। जबकि प्रदेश में भारत और राज्य सरकार के संस्थानों में दो लाख से अधिक पद खाली हैं। बावजूद इसके रोजगार नहीं दिया जा रहा है।

                संगठन के नेताओं ने बताया कि भिलाई स्टील प्लांट में पचास हजार,एसईसीएल में एक लाख,एनटीपीसी में पांच हजार,एनएमडीसी और बालकों में आठ हजार,बिलासपुर रेलने जोन में करीब 60 हजार से अधिक पद रिटायरमेन्ट के बाद खाली हो चुके हैं। जबकि पहले की अपेक्षा इन संस्थानों का विस्तार के साथ काम बढ़ा है। लेकिन नौकरियां नहीं दी जा रही है। सारा काम बहारी लोगों से संविदा के आधार पर कराया जा रहा है।

               संगठन के नेताओं ने बताया कि नगरनार स्टील प्लांट,एनटीपीसी रायगढ़ और सीपत,एनएसपीलएल भिलाई,में चालिस हजार कर्मचारियों की जरूरत है। राज्य सरकार की सीएसईबी पॉवर प्लांट में दस हजार और वितरण विभाग में बीस हजार कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं। बावजूद इसके कही भी नियमित कर्मचारियों की भर्ती नहीं की गयी है। बेरोजगार टेक्निकल लोगों ने बताया कि प्रदेश में सैकड़ों प्लांट काम कर रहे हैं। यहां भी नियमित कर्मचारियों  का टोंटा है। बिरला,अ़डानी,.जिन्दल की पावर,लौहअयस्क और बाक्साइट के संस्थानों समेत कोलवाशरी में भी कर्मचारियों की मांग है। लेकिन स्थानीय लोगों पर बाहरी लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है।

             बेरोजगार युवकों ने बताया कि हमारी मांग पर भारत और राज्य सरकार को गंभीरता से लेना होगा। यदि हमारी मांग को गंभीरता से नहीं लिया गया तो 24 दिसम्बर को कोरबा में छत्तीसगढ़ आईटीआई आप्रेन्टिस संघ के बैनर तले एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करेंगे। मांग पूरी नहीं होने की शर्त पर 25 दिसम्बर को अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा। यदि यहां भी  भी गंभीरता से मांग को नहीं लिया गया तो कोरबा,बिलासपुर और जांजगीर में आर्थिक नाकेबन्दी कर सरकार को झुकने के लिए मजबूर करेंगे।

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