रायपुर-राज्य सरकार द्वारा संविलियन हुए शिक्षाकर्मियों के वरिष्ठता सूची का प्रकाशन, वेतन नियतन एवँ अन्य देय सुविधाओं सम्बन्धी कार्यवाही को निर्धारित समय सीमा में सम्पन्न कराने हेतु मंत्रालयीन अधिकारीयों की एक कमेटी गठित किए जाने पर “छत्तीसगढ़ प्राथमिक शिक्षक फेडरेशन” ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि क्रमोन्नति के लिए, किसी भी प्रकार की कोई कमेटी गठन की आवश्यकता ही नहीं है बल्कि यह तो मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा बिना किसी कमेटी गठन के मध्यप्रदेश में दिया जा चुका है। सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए
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फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू एवँ प्रदेश संयोजक इदरीश खान ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के संविलियन में सबसे बड़ी विसंगति, संविलियन में क्रमोन्नति वेतनमान को शामिल नहीं करना ही है। यदि संविलियन में पंचायत विभाग की प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता मानते हुए क्रमोन्नति वेतनमान की स्वीकृति दे दी गई होती तो प्रदेशभर के प्राथमिक शालाओ में कार्यरत 1,09,000 शिक्षाकर्मी वर्ग 03 के वेतन में इतनी बड़ी विसंगति पैदा ही नहीं होती। तथा 90 % समस्या लगभग यही खत्म हो जाता।
प्रदेशभर के प्राथमिक शालाओ में कार्यरत 1,09,000 प्राथमिक शिक्षको के लिए आज सबसे बड़ी विडंबना यही है कि 1995 एवँ 98 अर्थात लगभग बीस-बाइस सालो से कार्यरत शिक्षाकर्मी वर्ग 03 को येन-केन प्रकारेण जब संविलयन किया गया तो हमारी बीस साल की पंचायत विभाग की वरिष्ठता को पूरी तरह शून्य कर दिया गया तथा एक जुलाई 2018 अर्थात शिक्षा विभाग में संविलियन हुए तारीख से हमारी वरिष्ठता की गणना नए सिरे से की जा रही है जो किसी भी सूरत में न्यायसंगत ही नहीं है तथा न्याय के प्राकृतिक सिद्धांतो के बिल्कुल विपरीत है।
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लगभग सभी जगह, सभी शासकीय विभागों में यह नियम पूर्णतः लागू होता है कि प्रत्येक विभाग के प्रत्येक कर्मचारियों को एक निश्चित समय मे विभाग में पदोन्नति दी जाती है तथा पदोन्नति से वंचित सभी कर्मचारियों को क्रमोन्नति वेतन दिया जाता है यह न्याय का प्राकृतिक सिद्धांत है। क्रमोन्नति का स्लैब आल रेडी पहले से बना हुआ है चूंकि शिक्षाकर्मी वर्ग 02 का वेतन स्लैब 9300 + 4200 है। जिन शिक्षाकर्मी वर्ग 03 का पिछले वर्षों में वर्ग 02 में पदोन्नति हुई है उन्हें वर्ग 02 का वेतनमान मिलता है और यही 9300 + 4200 वर्ग तीन का प्रथम क्रमोन्नति वेतनमान है।
चूंकि शिक्षा सत्र 2011 से प्रदेश के शिक्षाकर्मियों को क्रमोन्नति वेतनमान स्वीकृत किया था जिसके आधार पर उस समय के तत्कालीन शिक्षाकर्मी वर्ग 03 (3800 बेसिक) को दस वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर शिक्षाकर्मी वर्ग 02 के बराबर वेतनमान अर्थात (4500 बेसिक) दिया गया जो शिक्षा सत्र 2013 तक चलता रहा लेकिन प्रदेशभर के 1,09,000 सहायक शिक्षको का यह दुर्भाग्य है कि 2013 में ही अचानक इसे बन्द कर दिया गया।
छत्तीसगढ़ प्राथमिक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू, प्रदेश संयोजक इदरीश खान, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष शिवकुमार साहू, उप प्रांताध्यक्ष ऋषि राजपूत, प्रदेश महासचिव धरमदास बंजारे, प्रांतीय उपाध्यक्ष भोजकुमार साहू, लेखपाल सिंह चौहान, रामकृष्ण साहू, कमरूद्दीन शेख, शैलेन्द्र सिंह राजपूत, संतराम साहू, यशवंत देवांगन आदि ने राज्य सरकार से मांग की है कि कमेटी गठन के बजाय सरकार तत्काल क्रमोन्नति वेतनमान का आदेश अबिलम्ब जारी करें क्योकि क्रमोन्नति के लिए कमेटी गठन का कोई औचित्य ही नहीं है। क्रमोन्नति नहीं मिलने से आज प्रत्येक प्राथमिक शिक्षक 12 से 17 हजार के बड़े आर्थिक नुकशान पर है।