भ्रष्ट अधिकारियों की करतूत.. राष्ट्रपति के बेटों को भी नहीं छोड़ा..प्रधानमंत्री को भी दिया धोखा..बिना मकान बनाए डकार गए लाखों रूपए..नाराज हुए जोगी

BHASKAR MISHRA
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मरवाही/ बिलासपुर… बैगा आदिवासी गांव चुक्तिपानी में प्रधानमंत्री आवास योजना की धज्जियां उड़ाई गयी हैं। अधिकारियों ने पहले तो रूपए निकाल लिए। इसके बाद आवास निर्माण के नाम पर आधा अधूरा मकान और झोपड़ी बनाकर आदिवासियों हवाले कर दिया। इस बात की जानकारी उस समय हुई जब पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी चुक्तिपानी पहुंचे। मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। अधिकारियों में हड़कम्प है।

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आवास निर्माण मैें भ्रष्टाचार

                 बैगा आदिवासी बाहूल्य गांव चुक्तिपानी में भोले भाले आदिवासियों को सभ्य समाज ने फिर ठगा है। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री आवास के लाखों रूपए डकार लिए। सरकारी हिसाब किताब में आवास निर्माण का पूरा हो चुका है। लेकिन इसमें थोड़ी भी सच्चाई नहीं है। एक भी मकान का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। दो साल भी नहीं हुए कि दीवार के प्लास्टर उतर गए हैं। दीवारे दो ही बरसात में गलने लगी हैं। भोले भाले आदिवासियों हालात पर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने दुख जाहिर किया है। शिकायत के बाद अधिकारी मामले की जांच कराने की बात कह खुद को पाक साफ बताने की कोशिश मेें जुट गए हैं।

विशेष संरक्षित प्रजाति

                            जानकारी हो कि बैगा जनजाति को देश की सबसे पुरानी जनजाति माना गया है। भारत सरकार से बैगा आदिवासियों को विशेष संरक्षण हासिल है। इन्हें राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र भी माना जाता है। बावजूद इसके संरक्षित मानव प्रजाति के साथ अधिकारी अपनी बेइमानी से एक बार फिर बाज नही आए हैं। मजेदार बात है कि अधिकारी कहते नहीं थक रहे है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है।

पीएम के सपनों को लगा पलीता

                      बताते चलें कि प्रधानमंत्री आवास योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरीबों और सर्वहारा वर्ग के लिए महात्वाकांक्षी योजना है। प्रधानमंत्री ने वादा किया है कि देश के सभी गरीब परिवारों को साल 2022 तक पक्का मकान और मजबूत छत दिया जाएगा। यही कारण है कि केंद्र और राज्य सरकार योजना को लेकर काफी गंभीर है। लेकिन गौरेला ब्लॉक के ग्राम चुक्तिपानी बैगा आदिवासी गांव में अधिकारियों ने प्रधानमंत्री के सपनों और वादों की मिट्टी पलीद कर दी है। मजेदार बात है कि अधिकारियों ने राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों को भी नहीं छोड़ा।

 लाखों रूपयों का वारा न्यारा

              दरअसल चुक्तिपानी में बैगाओं के लिए एक भी आवास नहीं बनाया गया है। लेकिन अधिकारियों ने आवास पूर्ण होना बताकर शासन से सारी राशि लेकर पचा डाला है। हां कुछ मकान जरूर बने हुए बताए जा रहे हैं। लेकिन कोई भी मकान देखने के बाद ऐसा नहीं लगता है कि यह सास दो साल पहले बने हो। जो बने भी हैं उस पर छत नही हैं। घर की सभी दीवारें आधी अधूरी लेकिन खण्डहर में बदल चुकी हैं। मरता क्या ना करता बैगा परिवार खण्डहर दीवार पर लकड़ी का छत बनाकर रहने को मजबूर है। लोगों ने बताया कि बरसात में पानी का एक भी बूंद घर से बाहर नहीं जाता है।

अजीत जोगी ने किया एसडीएम को फोन

               दीवारों से प्लास्टर निकल चुके हैं। ईट परी तरह गल चुके हैं। खण्डहर में खरपतवार उगे हैं। इनके बीच रहने वाले बैगा परिवार के सदस्यों को खतरा है कि दीवार कभी भी गिर सकती है। कमोबेश दो दर्जन परिवारों की मकान की यही हालत है।

                     मामला उस समय सामने उजागर हुआ जब अजीत जोगी चुक्तिपानी पहुंचे। उन्होने मौके का निरीक्षण भी किया। आवाल री हालत देख जोगी ने तत्काल एसडीएम को फोन लगाया। प्रधानमंत्री आवास योजना में घटिया आवास निर्माण की जानकारी दी। विधायक प्रतिनिधि ज्ञानेंद्र उपाधयाय ने बताया कि अजीत जोगी ने जांच की मांग की है। जोगी के आदेश पर एसडीएम पेंड्रारोड और गौरेला सीईओ से शिकायत कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

पूर्व सीईओ और ठेकेदार ने लूटा

 ज्ञानेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि गौरेला जनपद के तात्कालिक मुख्यकार्यपालन अधिकारी ज्योति पटेल ने चहेते ठेकेदार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण की जिम्मेदारी दी। ठेकेदार और अधिकारियों ने मिलीभगत कर घटिया आधा अधूरा आवास बनाया।  निर्माण में अधिकारी और ठेकेदार ने मिलकर लाखों रुपयों का वारा..न्यारा किया। इसका खामियाजा अब बैगा आदिवासियों को भुगतना पड़ रहा है।

चुक्तिपानी निवासी शोभा बैगाए सम्मर सिंहए श्याम लालए सुखसेनए रतिया बाईंए देवार बैगाए कुवारेलालए मुल्लू बैगाए सूना बैगाए चेतराम बैगा ने बताया कि उनके साथ अन्याय हुआ है। अजीत जोगी की मामले की शिकायत की है। उम्मीद है कि न्याय जरूर मिलेगा।


प्रधानमंत्री आवास में भ्रष्टाचार की बात सामने आने पर जोगी ने कहा कि बैगा देश की अति संरक्षित जातियों में से एक है। इन्हें राष्ट्रपति से विशेष संरक्षण हासिल है। इसलिए इन्हें राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र भी कहा जाता है। ताज्जुब की बात है कि इतना सब कुछ जानते हुए भी अधिकारियों ने बैगा जनजाति को ही अपने स्वार्थ के लिए निशाना बनाया। इससे जाहिर होता है कि अधिकारियों में डर खत्म हो गयी है। लेकिन इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। प्रधानमंत्री आवास में जिसने भी धोखाधड़ी की है उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी। बैगा परिवारों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

मरवाही विधायक प्रतिनिधि ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने बताया कि मामले में अधिकारियों से लिखित शिकायत की है। जनपद पंचायत सीईओ ओपी शर्मा ने कहा है कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा करेंगे।

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