बिलासपुर—छत्तीसगढ़ बेरोजगार इंजीनियर संगठन ने सरकार के खिलाफ जंगी आंदोलन का एलान किया है। प्रेस वार्ता में इंजीनियरों ने कहा कि पिछले छ-महीने से हम सरकार के सामने अपनी समस्याएं रख रहे हैं लेकिन सरकार उनकी सुनने को तैयार नहीं है। इंजीनियर संगठन के गिरीराज गड़ेवाल ने कहा कि अब आवेदन प्रतिवेदन बहुत हो गया। ऐसे में अब हमारे सामने धरना प्रदर्शन के अलावा कोई चारा नहीं है।
बेरोजगार इंजीनियर संगठन ने आज प्रेस वार्ता आयोजित कर सरकार के खिलाफ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का एलान किया है। संगठन नेता गिरिराज ने कहा कि यदि इसके बाद भी सरकार उनके मांग पर ध्यान नहीं देती है। तो वे लगो उग्र आंदोलन के लिए भी तैयार हैं।
बिलासपुर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में गिरिराज सिंह ने बताया कि हम लोगों ने कई बार मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास किया। लेकिन सीएम ने हम बेरोजगारों को मिलने का समय नहीं दिया। दो बार पत्र भी सौंपा लेकिन आज तक उसका जवाब नहीं मिला है। ना ही किसी प्रकार की कार्रवाई भी हुई है।
बेरोजगार इंजीनियरों ने बताया कि आज सालों से बीटेक,एमटेक करने के बाद युवा इंजीनियर बेरोजगार घर में बैठे हैं। माता पिता को तकलीफ होती है। हम लोगों ने सीएम से मिलकर बताना चाहा कि प्रदेश के किसी भी संस्थान में रोजगार नहीं दिया जा रहा है। जबकि हमारी योग्यता किसी से भी कम नहीं है। लेकिन देखने में आया है कि बालको या फिर किसी भी संस्थान में उन्ही लोगों को भर्ती की जा रही है जिनके परिचित संस्थान में कार्यरत हैं। गिरिराज ने बताया कि सरकार सबके लिए कुछ ना कुछ कर रही है। लेकिन हम लोगों के भविष्य को लेकर चिंतित नहीं है। इसके कारण हम लोग निराशा के गर्त में जा रहे हैं।
गिरिराज ने बताया कि हमने सरकार के सामने छत्तीसगढ़ में किसी भी संस्थान में स्थानीय बेरोजगार इंजीनियरों को प्राथमिकता के आधार पर भर्ती किये जाने की मांग की है। उन्होने बताया कि हम लोगों ने पत्र के जरिए से सीएम से गुहार लगाई है कि शिक्षाकर्मी वर्ग एक और दो में हमें मौका दिया जाए। इसे तरह एनटीपीसी,सीएसईबी,एसईसीएल,बीएसपी, में छ्तीसगढ़ के युवा इंजीनियरों को मौका दिया जाए। लेकिन सीएम ने अभी तक इस बारे में कुछ नहीं विचार किया है।
29 अक्टूबर को नेहरू चौक पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का एलान करते हुए युवा इंजीनियरों ने बताया कि हमारी मांग है कि छत्तीसगढ़ के किसी संस्थान में डिग्री लेने वाले इंजीनियरों को लोन दिया जाए ताकि वे अपने लिए रोजगार का रास्ता तैयार कर सकें। उन्होंने बताया कि हमने इंजीनियरिंग करने वाले छात्रों को पहले ही साल से लैपटाप दिये जाने की मांग की है।