बिलासपुर– मास्टर प्लान प्रारूप 2031 की आज सुनवाई की प्रक्रिया को कांग्रेस ने केवल दिखावटी बताया है। बल्कि मास्टर प्लान को शासन के इशारे पर पहले से ही तैयार कर लिया जाना बताया है। कांग्रेसियों के अनुसार अब जनसुनवाई के नाम पर केवल नाटकबाजी हो रही है। कांग्रेसियों ने आज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए बैठक का ना केवल बहिष्कार किया। बल्कि अपने विधायक पर भी निशाना साधा। इस दौरान कांग्रेसियों ने निकाय मंत्री को भी आड़े हाथ लिया।
भारी गहमा गहमी के बीच नगर विकास मास्टर प्लान 2031 को लेकर मंथन सभागार में विचार विमर्श हुआ। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग दावा आपत्ति के साथ सुझाव लेकर समिति के सामने बारी बारी से उपस्थित हुए। कांग्रेस नेताओं ने मास्टर प्लान प्रारूप 2031 का विरोध करते हुए कहा कि रूतवे वालों के इशारे पर प्लान तैयार कर लिया गया है। बैठक तो केवल चाय नाश्ते के लिए बुलाई गयी है।
मंथन सभागार में जब बैठक चल रही थी । कांग्रेसियों ने सुनवाई का विरोध करते हुए मंत्री के साथ अपने विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए मास्टर प्लान 2031 का बहिष्कार किया। कांग्रेसियों ने आरोप लगाया है कि मात्र आठ घंटे में 93 गांवों के करीब चौबीस सौ लोगों की आपत्तियों को कैसे सुना जा सकता है। पीसीसी महामंत्री अटल श्रीवास्तव ने बताया कि हमने प्रशासन से मांग की थी कि जनसुवाई प्रभावित क्षेत्रों में किया जाए। इसके चलते ना केवल पर्याप्त समय मिलेगा बल्कि लोगों की समस्याओं को आसानी सुना जा सकेगा। बावजूद इसके जिला प्रशासन ने हमारी मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा एक बजे तक लोग अपनी आपत्तियों को लेकर भूखे प्यासे भटकते रहे। अन्दर समिति के सदस्यों के बीच नाश्ते का दौर चलता रहा। कांग्रेस इस प्रकार की व्यवस्था का पुरजोर विरोध करती है।
संभागीय प्रवक्ता अभय नारायण राय ने बताया कि जनसुनवाई में 110 में से 75 प्रतिशत प्रतिनिधि भी शामिल नहीं हुए। कोरम पूरा नहीं होने पर जनसुनवाई का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। बावजूद इसके कोरम के अभाव में जनसुनवाई का होना व्यवस्था का उल्लंघन है। राय ने कहा कि जब सब कुछ तानाशाही से ही करना है तो जनसुनवाई बुलाने का क्या मतलब है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष नरेनद्र बोलर ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने मिलकर कलेक्टर को लिखित शिकायत की है कि जब सब कुछ असंवैधानिक तरीके से ही होना है तो जनसुनवाई बुलाने की जरूरत ही क्या थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने अपने जनप्रतिनिधियों के साथ कलेक्टर से कहा है कि इस प्रकार के कार्यक्रम में कांग्रेस को अब ना बुलाया जाए। जहां सब कुछ पूर्वनिर्धारित हो।