रायपुर।अगस्ता पनामा लीक मामले में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) की ओर से बड़े आँदोलन की तैयारी है। यह आंदोलन तीन चरणओं में होगा। जिसे कुर्सी छोड़ों आँदोलन का नाम दिया गया है। एक प्रेस कांफ्रेस में पार्टी के सुप्रीमों अजीत जोगी ने इस बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।उन्होने बताया कि तीन चरणों में होने वाले “कुर्सी छोड़ो” आंदोलन की शुरुआत राजधानी रायपुर में 12 अगस्त को मुख्यमंत्री निवास घेराव से होगी। इस प्रदर्शन में प्रदेश के कोने कोने से बड़ी संख्या में आमजन व कार्यकर्ता शामिल होंगे। इसके उपरांत 15 अगस्त के बाद प्रदेशव्यापी “पोस्ट कार्ड इस्तीफ़ा” अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत पोस्ट कार्ड में मुख्यमंत्री का इस्तीफ़ा लिखकर प्रदेश के लाखों लोग प्रधानमंत्री को पोस्ट करेंगे। तीसरे चरण में दिल्ली में धरना-प्रदर्शन कर एवं राष्ट्रपति से मिलकर राज्य में भ्रष्ट सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की जायेगी।
डाउनलोड करें CGWALL News App और रहें हर खबर से अपडेट
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.cgwall
उन्होने बताया कि “कुर्सी छोड़ो आंदोलन” का उद्देश्य भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे प्रदेश के मुख्यमंत्री को जनहित में पद त्यागने विवश करना है।साथ ही, केंद्र सरकार पर मुख्यमंत्री के विरुद्ध जांच बैठाने का दबाव बनाना है। नान, अगस्ता और पनामा जैसे बड़े घोटालों में स्वयं मुख्यमंत्री एवं उनके परिवार के सदस्यों पर भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी के गंभीर और तथ्यात्मक आरोप लगना राज्य के हित में नहीं है। मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के पांच हज़ार दिनों के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में हुए अरबों रुपये के भ्रष्टाचार से प्रदेश की आम जनता त्रस्त हो चुकी है। किसानों को उचित समर्थन मूल्य देने, स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने और शराबबंदी कर प्रदेश की महिलाओं को सुरक्षित भविष्य देने, के बजाय मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल ने केवल अपनी तिजोरियाँ भरने का काम किया है।
चौदह वर्षों से छत्तीसगढ़ की संपत्ति लूट कर और छत्तीसगढ़वासियों के हिस्से के पैसों का गबन कर, विदेशी बैंकों में खाते खोलकर, गैर कानूनी रूप से अरबों रूपया जमा किया गया है। सरकार से जवाब मांगने जब कुछ जन प्रतिनिधियों ने इस संबंध में विधानसभा के मानसून सत्र में स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा कराने की मांग की, तो सत्ता पक्ष ने विपक्ष के साथ सांठ-गांठ कर समय पूर्व ही विधानसभा का सत्रावासन करा दिया और खुल्ले आम लोकतंत्र की हत्या की। भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में सरकार द्वारा जांच और चर्चा से बचने अपनाये गए अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक हथकंडों से प्रदेश की जनता में भारी रोष व्याप्त है।