किम्स अस्पताल अस्पताल में उडाई जा रही नर्सिंग एक्ट की धज्जियां.. डॉक्टर नहीं फिर भी हो रहा इलाज ..खतरे में मरीज..स्वास्थ्य विभाग ने मांगा जवाब

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 15 किम्स अस्पताल का औचक निरीक्षण किया । यद्यपि इसकी भनक तक लोगों को नहीं हुई। लेकिन जानकारी मिली है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किम्स में भारी लापरवाही और अनियमितिता पाया है। साथ ही पत्र लिखकर जवाब भी मांगा है। बताते चलें कि मामले को दबाने का किम्स प्रबंधन पुरजोर कर रहा है। सूत्रों की माने तो  स्वास्थ्य विभाग टीम ने निरीक्षण के दौरान किम्स अस्पताल में ना केवल नर्सिंग एक्ट का खुला उल्लंघन करते पाया है। बल्कि मरीजों की जिन्दगी से खिलवाड़ होना भी कहा है। 

             
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                 कोरोना काल में निजी अस्पतालों की लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 15 जून को किम्स का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण कार्यक्रम को बहुत ही गोपनीय रखा गया। सूत्रों ने बताया कि निरीक्षण के दौरान किम्स की खोखली व्यवस्था को देखरकर जिला स्वास्थ्य विभाग के होश उड गये। किम्स अस्पताल में भारी खामियां को देखने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 11 बिन्दु वाला पत्र जारी किया है। साथ ही तीन दिन के अन्दर किम्स प्रबंधन को जबाव देने को कहा है।

           सूत्रों की माने तो सीएचएमओ ने अनियमितिता का जिक्र करते हुए किम्स प्रबंधन को नर्सिंग एक्ट उल्लंघन का आरोपी बताया है। पत्र में बताया गया है कि निरीक्षण के दौरान डायलिसिस यूनिट बिना डाक्टर के संचालित होना पाया गया। यूनिट में काम करने वाले दोनों टेक्नीशियन का पैरामेडिकल कौंसिल का पंजीयन नही है। बावजूद दोनों से सेवाएं ली जा रही है। ऐसा करना नियमों के खिलाफ है।  पैथालाजी लैब में तीन प्रशिक्षु लैब टेक्निशियन काम कर रहे हैं। तीनो ही अप्रशिक्षित हैं। तीनों पिछले 6 महीने से काम के साथ प्रशिक्षण ले रहे हैं। ऐसा किया जाना मरीजों की जिन्दगी से खिलवाड़ और नर्सिंग एक्ट को खुली चुनौती है।

              स्वास्थ्य विभाग ने पत्र में लिखा है कि किम्स के पैथालांजिस्ट डॉ.पोपटानी ने बताया कि संस्थान में 12 लोगों को लैब टैक्नीशियन को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जबकि किम्स के पास प्रशिक्षण देने का लायसेंस भी नहीं है। जाहिर सी बात है कि ऐसा किया जाना नियम के खिलाफ है। बावजूद इसके प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस बात की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भी नहीं दी गयी है। 

        स्वास्थ्य विभाग ने किम्स पर आरोप लगाया है कि 24 बिस्तर वाले पुरूष जनरल वार्ड में होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. आकांक्षा से सेवाएं ली जा रही है। जो समझ से परे कि एक एलौपैधी संस्थान में होम्योपैथी चिकित्सक मरीजो का उपचार किस तरह करेगा।

           स्वास्थ्य विभाग  के अनुसार 25 बिस्तर किम्स के आईसीयू वार्ड में केवल एक चिकित्सक काम करता है। ऐसा करना मरीजों के जिन्दगी से सीधे सीधे खिलवाड़ है। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि मरीजो की ना तो प्राथमिक स्क्रीनिंग की जा रही है और ना ही ओपीडी में शारीरिक दूरियों का पालन ही किया जा रहा है।       

                जारी पत्र में स्वास्थ्य विभाग ने आश्चर्य जाहिर किया है कि डेन्टल सर्जन डॉ.राजकुमार गुप्ता और ईएनटी डॉ.अंकित ठकराल को किम्स का कर्मचारी बताया गया है। सच्चाई तो यह है कि दोनों डाक्टर किम्स में काम नहीं करते है। इससे जाहिर होता है कि गलत जानकारी दे कर मरीजों और उनके परिजनों को धोखे में रखा जा रहा है। 

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