केन्द्र और कांग्रेस आमने-सामने.. CSR पर राज्यों का अधिकार..केन्द्र नहीं कर सकता मनमानी..विवेक तंखा ने देश के सभी सीएम को लिखा पत्र..कहा निश्चिन्त होकर फण्ड लें..

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर– कोरोना काल में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किए जा रहे उद्योग जगत से सीएसआर राशि  को लेकर नया विवाद सामने आ रहा है। कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट वकील विवेक तंखा ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर केन्द्र के निर्देशों को तानशाही रवैया बताया है। विवेक तंखा ने स्पष्ट किया है कि सीएसआर मद से राहत कोष में जमा राशि पर कानूनी तौर से राज्य का पहला अधिकार है।
 
                     देश वर्तमान मे कोरोना के प्रकोप से बुरी तरह जकड़ा है। इस बीच केन्द्र सरकार और विपक्ष खासकर कांग्रेस में सीएसआर मद को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल केन्द्र सरकार की तरफ से बयान आया है कि पीएम केयर फंड को ही कम्पनियों से सोशल रिस्पांसबिलिटी राशि को पाने का अधिकार है। इस राशि पर मुख्यमंत्री राहत कोष का कोई अधिकार नहीं होता है।
 
               कम्पनी मामलों के मंत्रालय से जवाब आने के बाद विपक्ष और खासकर कांग्रेस ने इसका विरोध किया है। कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा जब  पूरा देश  करोना माहामारी से जूझ रहा  है  ,राज्यो को इससे निपटने के लिए आतिरिक्त संसाधान की आवश्यकता है।ऐसे  समय में राज्यो से कांपनियो की तरफ से सीएसआर मद से मिल रहे फण्ड का इस्तेमाल राज्य का स्वभाविक अधिक है।
 
                    राज्यसभा सांसद और कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक तंखा ने बताया कि  कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी की राशि  के  इस्तेमाल को लेकर केन्द्र सरकार भ्रांति फैला रही है। कांपनी  मामलो  के मांत्रालाय ने  10 अप्रैल 2020 को एक एक जावाब मे बताया कि केवल पीएम केयर फंड  ही कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी की राशी प्राप्त कर  सकती है। राज्यों  मेें बनाए गए मुख्यमंत्री राहात  कोष को ,कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी राशी नहीं दी जा सकती है। यदि मुख्यमंत्री राहत कोष में सीएसआर फण्ड दिया जाता है तो कांपनियो को कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी की राशी पर  किसी प्रकार की छूट नही  मिलेगी।
          
            राज्य सभा  सांसद  ने मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में बताया है कि कंपनी अधिनियाम 2013 के तहत  कांपनियां  अपने सामाजिक  दायित्वो का निर्वाहन विभिन्न तारिको से कर सकती है। इसमें मुख्यमंत्री राहत  कोष  मे दिया गया दान  भी  शामिल है। मुख्यमंत्री राहत  कोष  मे दिया गया दान  कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के तहत  आता है। सभी निजी कांपनियो  को इस दान  के तहत  मिलने वाली  छूट में अधिकार है।
 
              विवेक तंखा ने पत्र में लिखा है कि भारतीय  राष्ट्रीय निवेश प्रोत्सहनं एजेंसी ने भी स्प्षट किया है कि निजी कांपनियां मुख्यमंत्री राहत  कोष  मे दान दे सकती है। कारोना अनुसंधान हेतु दिया गया दान कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के तहत  आता है। पत्र में सभी मुख्यामांत्रियो से विवेक तंखा ने निवेदन किया है कि सभी निजी कांपनियो को समाजिक  दायित्वो के ताहत  दान  करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। कांपनियो  को आश्वस्त किया जाए कि उन्हें कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के तहत सभी छूट प्राप्त होंगी।
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