कैबिनेट की बैठक के बाद…कर्मचारियों में आक्रोश..कहा आंदोलन के लिए उकसा रही सरकार

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–केैबिनेट की बैठक के बाद कर्मचारी में गहरी नाराजगी है। कर्मचारियों नेताओं ने बयान दिया है कि बैठक में कर्मचारी हितों की अनदेखी हुई है। अनदेखी को बर्दास्त नहीं किया जाएगा। कर्मचारियों से जुड़े मुद्दो को बैठक से दूर रखा गया। इससे कर्मचारी वर्ग ठगा महसूस कर रहा है।
                     छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्याक्ष रोहित तिवारी ने बताया कि केबिनेट की बैठक मॆ कर्मचारी वर्ग के मुद्दो की अनदेखी हुई है। बैठक में कर्मचारियों से जुड़ी मांगों को लेकर सरकार ने उपेक्षित व्यवहार किया है। जिससे लाखों कर्मचारी नाराज है। रोहित ने कहा कि कैबिनेट की बैठक के बाद ऐसा लगा कि सरकार कर्मचारी संघों को आंदोलन के लिय उकसा रही है। जाहिर सी बात है कि प्रदेश कर्मचारियों के उग्र आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नही बचा है।
                        कैबिनेट की बैठक पर प्रतिक्रया जाहिर करते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के नेता रोहित तिवारी ने कहा कि उम्मीद थी कि बैठक में  कर्मचारियों के हितों को गंभीरता से लिया जाएगा। लिपिक वेतन विसंगति ,चार स्तरीय पदोन्नति वेतनमान ,सातवें वेतन का एरियस ,मंहगाई भत्ता ,गृह भाडा भत्ता पुनरीक्षित को लेकर चर्चा होगी। लेकिन रमन केबिनेट ने कर्मचारीयो को निराश किया है। अब कर्मचारियों के सामने आंदोलन ही एक मात्र विकल्प है।
              रोहित ने कहा कि केबिनेट की बैठक से पहले लिपिक कर्मचारी संघ ने दो दिवसीय हड़ताल कर शासन का ध्यान खींचा था। लेकिन सरकार की हटधर्मिता के कारण हमें आर पार की लड़ाई के लिए मजबूर किया जा रहा है। 15 अगस्त तक यदि मांगो पर सकरात्मक पहल नही होती है तो अनिश्चित कालीन आंदोलन का शंखनाद किया जाएगा। प्रदेश भर के लिपिक काम काज ठप कर अनिश्चितकालीन आंदोलन में कूदेंगे।
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