बिलासपुर।कोलइण्डिया के चेयरमेन सुतीर्थ भट्टाचार्य (भा.प्र.से.) 07 से 09 अप्रैल तक तीन दिवसीय एसईसीएल दौरे पर रहे।उन्होंने राज्य शासन के शीर्ष अधिकारियों एवं राज्य शासन के पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।बैठक में नई खदानों को खोलने, कोयला उत्पादन बढ़ाने में आने वाली दिक्कतों एवं कोयला प्रेषण हेतु बनाए जा रहे खरसिया-धरमजयगढ़ की ईस्ट काॅरीडोर और गेवरा-पेन्ड्रा रोड की ईस्ट-वेस्ट रेल काॅरीडोर की प्रगति के संबंध में विस्तृत चर्चा की।फिर उन्होने एसईसीएल की प्रगति और भविष्य के योजनाओं की समीक्षा की।इस बैठक में एसईसीएल के सीएमडी बी.आर. रेड्डी, एसईसीएल के निदेशकगण,कई विभागाध्यक्षगण, क्षेत्रीय मुख्य महाप्रबंधकगण/महाप्रबंधकगण मौजूद थे।
बैठक में कोल इंडिया चेयरमैन ने कहा कि देश की ऊर्जा आवश्यकताआंे के लिए कोलइण्डिया पूर्व की भांति निरंतर प्रयासशील है।उन्होंने आगे कहा कि पर्यावरण सुरक्षा पर आधारित सुनियोजित कोयला उत्पादन पद्धति अपनाकर हम अपने उत्पादन लक्ष्य को हासिल करें ।उन्होंने गत वर्ष के निष्पादित लक्ष्यों को संतोषजनक बताया एवं वर्ष 2017-18 हेतु एसईसीएल को मिले 168 मिलियन टन के उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु होने वाली समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की।बैठक में कोयला उत्पादन में होने वाली विभिन्न कठिनाईयों, फारेस्ट क्लियरेंस, भूमि अधिग्रहण, कोयला प्रेषण जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई।
रविवार को चेयरमेन ने गेवरा खुली खदान का अवलोकन किया और साथ ही कोरबा, गेवरा, दीपका, कुसमुण्डा क्षेत्र के कोयला उत्पादन एवं उत्पादकता की समीक्षा की ।जिसके बाद वे एसईसीएल मुख्यालय में कोयला डिस्पैच पर सभी अनुषंगी कम्पनियों से आए अधिकारियों के साथ बैठक की एवं कोयला डिस्पैच को बेहतर बनाने के लिए जरूरी निर्देश देने के बादरायपुर के लिए रवाना हो गए।