खाद्य पदार्थो मे मिलावट पर मिलेगी अब कड़ी सजा,लोकसभा मे उपभोक्‍ता संरक्षण विधेयक पारित

Shri Mi
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Pm Narendra Modi, Narendra Singh Tomar, Parliametary Affairs Ministry, Cabinet Ndews, Sadanand Gauda, Rafale, Rbi, Cbi Vs Cbi, Rbi Vs Govt,नईदिल्ली।लोकसभा ने उपभोक्‍ता संरक्षण विधेयक-2018 पारित कर दिया है। यह, उपभोक्‍ता संरक्षण कानून-1986 का स्‍थान लेगा। विधेयक में खाद्य पदार्थों में मिलावट के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। विधेयक में जिला, राज्‍य और राष्‍ट्रीय स्‍तर पर उपभोक्‍ता विवाद निपटान आयोग की स्‍थापना का प्रावधान है। विधेयक के तहत जिला आयोगों को, एक करोड रुपये तक के दावों संबंधी शिकायतों को निपटाने का अधिकार दिया गया है। पहले यह राशि बीस लाख रुपये तक थी। इस बारे में राज्‍य आयोगों की सीमा एक करोड रुपये से बढ़ाकर 15 करोडरुपये कर दी गई है।उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि मौजूदा कानून 32 वर्ष पुराना है जो वर्तमान जरूरतों के मुताबिक नहीं है।तृणमूल कांग्रेस की प्रतिमा मंडल ने विधेयक पर चर्चा शुरू की। चर्चा में भाग लेने वाले सभी 11 सदस्‍यों ने विधेयक का समर्थन किया।

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चर्चा के जवाब में रामविलास पासवान ने कुछ सदस्‍यों की आशंकाओं को निराधार बताया कि इससे उपभोक्‍ता आयोगों में, नियुक्तियों में राज्‍यों के अधिकारों का अतिक्रमण होगा। विधेयक ध्‍वनिमत से पारित कर दिया गया। बाद में संसद से बाहर पत्रकारों से बातचीत में पासवान ने विधेयक को महत्‍वपूर्ण बताते हुए कहा -कंज्‍यूमर प्रोटेक्‍शन बिल जो है, पास हुआ है। ऐतिहासिक चीज है, ई-कॉमर्स का मामला है, मिसलीडिंग एडवर्डटिजमेंट का मामला है। सबसे बड़ा मामला जो कंज्‍यूमर प्रोटेक्‍शन ऑथोरिटी का मामला है और मैं समझता हूं कि जो कंज्‍यूमर जागृत हो चुका है, उसके लिए आवश्‍यक था और इसको बहुत दूरदृष्टि रख करके इस बिल को बनाया है कि अगले 10 साल 20 साल में आवश्‍यकता नहीं पड़े।

हालांकि, इस दौरान कांग्रेस सदस्‍य राफाल सौदे की जांच संयुक्‍त संसदीय समिति से कराने की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे।
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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