ग्रामीणों ने कसी कमर,कहा-नहीं मरने देंगे तालाब..साजिशकर्ताओं को करेंगे बेनकाब

BHASKAR MISHRA
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IMG-20170414-WA0015बिलासपुर(सीजीवाल)।सीजीवाल की खबर रंग लायी और बहतराई की जनता तालाब को बचाने सामने आ गयी। तालाब के बीच बैठ कर नाग नागिन को हरा भरा करने का निर्णय लिया। बैठक में वह परिवार भी शामिल जिनके पूर्वजों ने करीब 100 साल पहले तालाब बनवाया था। बैठक में स्थानीय सरपंच समेत जनता ने संकल्प लिया कि तालाब को बचाने अंतिम सांस तक संघर्ष किया जाएगा। कलेक्टर.तहसील कार्यालय के बाद जरूरत पड़ी तो न्याय के लिए हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया जाएगा।

             
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                       मालूम हो कि सीजीवाल ने एक दिन पहले बहतराई स्थित नाग नागिन तालाब की मौत के नाम से खबर प्रकाशित किया था।खबर रंग लायी और बहतराई के सारे ग्रामीण शुक्रवार को चिलचिलाती धूप में तालाब के बीच बैठक कर नाग नागिन तालाब को बचाने का संक्लप लिया। बैठक में सामाजसेवियों के अलावा राजनीतिक दल के लोगों ने भी शिरकत की। इसमें वह परिवार भी शामिल था जिनके पूर्वजों से करीब 100 साल पहले तालाब बनवाया था।

                           स्थानीय सरपंच राधे साहू ने बताया कि शर्म की बात है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद भी तालाब को पाटा जा रहा है।तालाब से आम जनता का सीधा सरोकार है। गुपचुप तरीके से पूंजीपतियों ने रात्रि में मिट्टी डालकर पाटने का प्रयास किया। हम लोग सीजीवाल और उनके टीम के शुक्रगुजार हैं जिन्होने हमें जगाया।

                       समाजसेवी प्रकाश सिंह ने कहा कि हमें तालाब पाटने में साजिश की बू आ रही है।सीजीवाल,इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इसमें शासन प्रशासन के आलाधिकारी भी शामिल होंगे।क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सामान्य जनता की हिम्मत नहीं है कि तालाब को पाट सके। हम लोग वकील का सहारा लेंगे। कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। जनता को पूरा विश्वास है कि तालाब को बचा लिया जाएगा।

IMG-20170414-WA0017                         तालाब खुदवाने वाले परिवार की महिला ने बताया कि सीजी वाल में खबर पढ़ने के बाद मैं सकते में हूं। हमारे पूर्वज ने करीब 100 साल पहले तालाब का निर्माण किया। लोग गुपचुप तरीके से पाट रहे हैं। इस बात की हमें भनक तक नही है। तालाब का निर्माण आम जनता के लिए किया गया था।सेंठों और बिल्डरों को लगा होगा कि बहतराई का नाग नागिन तालाब गांव में है किसी की नजर नहीं जाएगी।लेकिन सीजीवाल ने वह कर दिखाया जो पत्रकारिता जगत के लिए जरूरी है। सोमवार को गांंव की जनता एक साथ कलेक्टर से मिलेगी। तहसील कार्यालय का घेराव करेगी। तालाब पाटने वालों के खिलाफ जनता सख्त कार्यवाही की मांग करेगी।

                     तालाब के मंदिर में बैठक लेने के बाद ग्रामीणों ने बताया कि तालाब बचाने अंतिम सांस तक संघर्ष किया जाएगा। चाहे इसके लिए हमें कुछ भी करना पड़े। उम्मीद है कि स्टे आर्डर भी मिल जाएगा। \तालाब में पाटी गयी मिट्टी को हम खुद निकालेगे। जो भी बीच में आएगा उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

                    मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता जसबीर गुम्बर ने कहा कि अच्छी बात है कि जनता जाग गयी। जब जनता जाग गयी है तो तालाब भी बच जाएगा। मामले में पर्दाफश करने की जरूरत है कि तालाब को पाटने की साजिश किसने रची। आश्चर्य की बात है कि अभी 11 अप्रैल 2017 को हाईकोर्ट ने तालाब को लेकर एक फरमान जारी किया है।सीजीवाल,बावजूद इसके लोगों के दुस्साहस को देखकर मन बैठा जा रहा है।

                   तालाब को पाटने वालों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। मैं शुक्रवार को तालाब देखने गया था। यह कहना कि तालाब नया है..सरासर बेवकूफी वाली बात होगी। तालाब के बीच खड़ा सरई का खंभा यह बताता है कि सामाज की सारी गतिविधियो से तालाब का गहरा नाता है। यहां मांगलिक कार्य किए जाते रहे हैं। साजिश करने वालों ने प्रायोजित तरीके तालाब का पानी खत्म कर पाटने की साजिश की है।

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