रायपुर।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के मेहनतकश श्रमिकों और ग्रामीणों से अपील की है कि वे मानव तस्करों और फर्जी चिटफंड कंपनियों से सावधान रहें। मुख्यमंत्री रविवार को आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र से प्रसारित अपनी मासिक रेडियो वार्ता ‘रमन के गोठ’ में श्रोताओं को सम्बोधित कर रहे थे। उनका यह प्रसारण राज्य में स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रों तथा प्राइवेट एफ.एम. रेडियो चैनलों और कुछ प्रमुख प्राइवेट टेलीविजन चैनलों से भी किया गया। कार्यक्रम की यह तेरहवीं कड़ी थी। इस बार भी राजधानी रायपुर से लेकर दूर-दराज शहरों, गांवों तथा कस्बों में लोगों ने कहीं नुक्कड़ों पर, तो कहीं बगीचे में, कहीं चौपालों में और कहीं तालाब के किनारे मुख्यमंत्री के रेडियो संदेश को सामूहिक रूप से सुना।
डॉ. रमन सिंह ने अपनी रेडियो वार्ता में ग्रामीणों से मानव तस्करों के चंगुल में नहीं आने का भी आव्हान किया। उन्होंने लोगों से गांव में अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति नजर आए तो उसकी सूचना तत्काल पुलिस को देने का भी आग्रह किया।सीएम ने इस समस्या को हल करने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने तथा जनता और प्रशासन के बीच निरंतर समन्वय की जरूरत पर भी बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़ी विडम्बना है कि एक ओर हम 21वीं सदी में वैज्ञानिक विकास की बात करते हैं तो दूसरी तरफ मानव तस्करी की चर्चा भी होती है। यह एक विश्वव्यापी समस्या है कि बेहतर रोजगार के लिए बाहर जाने वाले को कई बार अपराधियों के द्वारा किए जाने शोषण का शिकार होना पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने सभी जिलों में प्रशासन को यह निर्देश दिए हैं कि रोजगार की दृष्टि से अपने परिवार की बेहतर आमदनी के लिए दूसरे प्रदेशों में जाने वाले छत्तीसगढ़ के लोगों की समुचित जानकारी उनके ग्राम पंचायतों में उपलब्ध होनी चाहिए और समय-समय पर उनकी सुरक्षा की समीक्षा भी होनी चाहिए। उन्होंने आज के प्रसारण में जहां मानव तस्करी जैसे विषय को अत्यंत गंभीरता से लिया, वहीं इस बात को भी रेखांकित किया कि जशपुर, रायगढ़ और सरगुजा के सीमावर्ती इलाकों में पहले की तुलना में स्थिति में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा-जशपुर और रायगढ़ जिले में पुलिस और समाज के सहयोग से इतनी अच्छी प्रणाली विकसित की गई है कि वहां मानव तस्करी के अपराध को रोकने के लिए गांव-गांव में पंचायत पदाधिकारी और सरकारी कर्मचारी सक्रिय हो गए हैं। इसके फलस्वरूप वहां इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगा है।
मुख्यमंत्री ने आज के अपने प्रसारण की शुरूआत में गणेश उत्सव सहित हाल ही में मनाए गए तीजा-पोरा जैसे पारम्परिक त्यौहारों का भी उल्लेख किया। त्यौहारों के अवसर पर हम सब मिलकर मानव सेवा और जरूरतमंदों के कल्याण के लिए काम करें। उन्होंने जनता को इन त्यौहारों की बधाई दी। उन्होंने भारत में सार्वजनिक गणेश उत्सव की शुरूआत करने के लिए लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को याद करते हुए कहा कि तिलक जी ने सन् 1893 में गणेश उत्सव को आजादी की लड़ाई से जोड़कर सार्वजनिक बनाया।