जवाब देना होगा साहब..जब भूपेश ने कहा..मैं सबसे बड़ा अपराधी…कमीशनखोरी से खाली हुआ खजाना…किसानों को देने से नहीं

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–हमने मात्र तीन महीने में जनघोषणा पत्र में किए 36 में से 18 वादे पूरे कर दिए हैं। हमने बहुत प्रधानमंत्री देखा..नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह को देखा। लेकिन ऐसा रूप बदलने वाला प्रधानमंत्री नहीं देखा। जिनका नाम नरेन्द्र मोदी है। ऐसे रूप लेने वाला प्रधानमंत्री सच मुच नहीं देखा। कभी चाय वाला बन जाता है। कभी फकीर बन जाता है। ऐसा फकीर कभी नहीं देखा जिसने 10 लाख का सूट पहना। दो हजार करोड़ रूपए विदेश यात्रा में खर्च कर दिया। 46 सौ करोड़ रूपए खुद के चमकाने में खर्च कर दिया कभी आपने ऐसा फकीर देखा है। यह बाते पथरिया में चुनावी आमसभा को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल ने कही।

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                        सोमवार को बिलासपुर लोकसभा सीट के लिए पहली आमसभा को मुगेली जिला के पथरिया में प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने संबोधित किया। भूपेश बघेल ने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सवालों के साथ जमकर निशाना साधा। भूपेश ने कहा हमने मात्र तीन महीने में जनघोषणा पत्र में किए 36 में से 18 बड़े वादों को पूरा कर दिया है। बाकी वादे प्रक्रियाधीन हैं।

ऐसा फकीर कभी नहीं देखा..

                     आमसभा को संबोधित कर भूपेश ने कहा कि आप सभी लोग ही बताएं कि कभी कोई फकीर 10 लाख का सूट पहनता है। हमने तो गांव गांव में चिंकारा बजाते जन जन से सुख की कामना करते देखा है। हमने बहुत प्रधानमंत्री देखे..नेहरू से लेकर चन्द्रशेखर मनमोहन सिंह को भी देखा। लेकिन पहली बार रूप बदलने वाला प्रधानमंत्री नहीं देखा। कभी चाय बेचने वाला बन जाता है। मैं तो नहीं जानता की आप लोगों में से उनके केटली से कभी चाय पिया हो। मैं तो नहीं पिया और नही देखा। लेकिन दस लाख की सूट पहने जरूर सबने देखा है। मजेदार बात है कि प्रधानमंत्री खुद को फकीर कहता है। ऐसा फकीर जिसने खुद को चमकाने के लिए 46 सौ करोड़ रूपए विज्ञापन पर खर्च कर दिया। विदेश दौरा पर रूप बदलने वाले प्रधानमंत्री ने दो हजार करोड़ रूपए पानी की तरह बहा दिया। मात्र पांच सेकन्ड के लिए झाड़ू पकड़ा और तीन सौ करोड़ पानी की तरह बह गया। समझ में नहीं आ रहा कि असली मोदी कौन है।

एक सिर पर दस-दस सिर..असली चौकीदार कौन..भाग गए चोर

                  समझ में नहीं आर रहा है कि असली चौकीदार कौन है। एक सिर पर दस दस सिर लगाया है। अद्भभुत नेता है हमारा चौकीदार। कभी मां गंगा का बेटा बन जाता है। कभी फकीर बन जाता है। 56 इंच का सीना रखता है। सवाल है कि आखिर असली चौकीदार कौन है। भूपेश ने कहा कि गरीबों,किसानों युवाओं और बेरोजगारों ठेला,खोमचा वालों को चौकीदार की जरूरत नहीं होती है। यदि किसी को होती है तो अडानी अम्बानी जैसे पूंजीपतियों को। इन्हें खतरा है कि इनकी सम्पत्ति कोई चोरी ना कर जाए। और हमारा चौकीदार इनके लिए ठीक से काम कर भी रहा है। लेकिन देश के चोर मेहुल चौकसी, नीरव मोदी.,विजय माल्या, ललित मोदी बड़ी ही आसानी से चौकीदार के नाक के नीचे से निकल जाते हैं। क्योंकि इन्होने देश की जनता की गाढ़ी कमाई को चोरी की है। अब आप ही बताएं कि आखिर यह चौकीदार कौन है….जनता के बीच से आवाज आती है कि चोर है।

चौकीदार दामाद को खोज कर लाए

        भाषण में  भूपेश ने कहा कि कहां कि चौकीदार ने कहा कि बुलेट ट्रेन, चलाएंगे…अभी तक कहीं अता पता नहीं है। फिर स्वामिनाथन कमेटी रिपोर्ट लागू करेंगे..अभी तक लागू नहीं हुआ। अरे भाई दामाद भी सरकार की सम्पत्ति लेकर फरार है। चौकीदार कर रहे हो तो कम से कम उसे ही पकड़ कर पुलिस के हवाले कर देते है। समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर यह चौकीदार है…या कुछ और ही है।

सवाल पूछना अपराध तो…भूपेश सबसे बड़ा अपराधी

                       भूपेश ने कहा कि पिछले पांच साल से चौकीदार ने एक बार भी पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं दिया। पत्रकार प्रश्न करते हैं…तो चौकीदार ऐसे लोगों को राष्ट्रविरोधी कहने लगता है।चौकीदार से सवाल पूछना अपराध है। जो भी सवाल करता है भाजपा और आरएसएस वाले उन्हें देशद्रोही ठहरा देते हैं। भूपेश ने कहा कि सवाल ही समस्या का निदान है। सवाल नहीं उठेगा तो समस्या का निदान नहीं होगा। यदि सवाल पूछना अपराध तो सबसे बड़ा अपराधी भूपेश बघेल है। सवाल लोकतंत्र का आभूषण है। सवाल पूछा जाना चाहिए। राहुल गांधी पूछते हैं तो मोदी को बुरा लगता है। राष्ट्रदोही ठहराने लगते हैं।

सवाल तो है साबह…जवाब तो देना होगा

सवाल तो है साहब विदेश से कालाधन नहीं आया…सवाल है साहब खाते में 15 लाख रूपए नहीं आए। सवाल है साहब किसानों की पैदावार को डेढ़ गुना फायदा नहीं हुआ। सवाल है साहब डीजल पेट्रोल के दाम कम नहीं हुए। साहब रफैल का दाम क्यों बढ़ गया। सवाल तो है साहब दो करोड़ नौजवानों को प्रत्येक साल क्यों नहीं मिले। सवाल तो है साहब कि कालाधन क्यों नहीं आया। सवाल है साहब कि जीएसटी ने कमरतोड़ दिया। सवाल है साहब फुलवामा में हत्या का जिम्मेदार कौन है। सवाल है साहब एयर स्ट्राइक में कितने आतंकवादी खत्म हुए। सवाल है साहब बुलेट ट्रेन कब आएगी।

23 रो जनता देगी सवाल का जवाब

भूपेश ने जोश भरते हुए कहा कि अब चौकीदार सवाल का जवाब नहीं दे रहा है तो लोकतंत्र में जनता की तरफ से जवाब आता है। 23 अप्रैल को अटल श्रीवास्तव के समर्थन में कांग्रेस के पंजा छाप वाला बटन दबाकर जनता जवाब देगी। भूपेश ने कहा अब बिल्हा विधानिसभा में कांग्रेस मजबूत हो गयी है। विधानसभा के दौरान राजेन्द्र और सियाराम आपस में लड़ लिए थे। अब दोनों एक साथ है…बिल्हा विधानसभा की जनता एक होकर बहुरूपिया चौकीदार को जवाब दे। दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनाए..अटल को भारी मतो से जीत दिलाए।

कमीशन खाने में प्रदेश बरबाद नहीं..मैने किसानों को दिया तो दुख हो रहा

अपने भाषण के अंत में भूपेश ने कहा कि 100 दिन कुर्सी से उतरे नहीं हुए…रमन सिंह कह रहे कि भूपेश प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बरबाद कर रहे हैं। समझ में नहीं आ रहा कि खजाने से चप्पल बांटने के लिए पैसे निकाला…फिर कमीशन खाने से अर्थव्यवस्था बरबाद नहीं हुई। चावल के कमीशन खाने से अर्थव्यवस्था बरबाद नहीं हुई। स्काई वाक कमीशन खाने से अर्थव्यवस्था बरबाद नहीं हुई। मोबाइल बांटने में अर्थव्यवस्था बरबाद नहीं हुई। मुझे उसका भी पैसा देना है। जब हमने किसानों, मजदूरों को पैसा दिया तो रमन सिंंह को तकलीफ हो रही है कि खजाना खाली कर रहा हूं। रमन सिंंह को जनता 23 अप्रैल को जवाब दे कि कमीशन खाने से ही अर्थव्यवस्था चौपट हुई है।

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