जांच अधिकारी डाल रहे गवाहों पर दबाव

BHASKAR MISHRA
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IMG_20160117_132801बिलासपुर– राजेन्द्र तिवारी आत्मदाह काण्ड में गठित दण्डाधिकारी जांच में अधिकारियो को संरक्षण देकर बचाने का प्रयास किया जा रहा है। जांच अधिकारी सारे नियमो का ताक में रख कर दोषियो को बचाने के लिए बयान के दौरान ना तो वीडियोग्राफी करवा रहे है और ना ही सीधे बयान दर्ज करवा रहे हैं।  अधिकारियो को बचाने के लिए बयान के दौरान उन्हे सम्हलने का पूरा मौका दिया जा रहा है। विरोध करने पर जेल भेजने की धमकी दी जा रही है। यह कहना है राजेन्द्र तिवारी के परिजनों का। मणिशंकर पाण्डे ने जांच अधिकारी को बदलने की गुहार लगाई है। आज पत्रकारो से दण्डाधिकारी जांच में हो रही गतिविधियो की विस्तार से जानकारी दी। पत्रवार्ता में राजेन्द्र की मां और भाई भी उपस्थित थे।

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                  26 अक्टूबर को बिल्हा के कांग्रेस के युवा नेता ने तात्कालीन एसडीएम अर्जुन सिंह सिसोदिया प्रताड़ित होकर आत्मदाह कर लिया था। राजेन्द्र तिवारी की मौत उपचार के दौरान 27 अक्टूबर को रायपुर हो गयी। मौत के बाद परिजनो ने एसडीएम सिसोदिया पर प्रताडना का आरोप लगाया था।  मामले में राजेन्द्र तिवारी की मां मधु तिवारी ने हाईकोर्ट में जनहीत याचिका से मामले को संज्ञान में लेने आवेदन दिया।  मणिशंकर पाण्डे ने बताया कि दण्डाधिकारी जांच के दौरान वे सभी  पेशी में भी उपस्थित रहते है।

                पत्रकारों से मणिशंकर ने बताया कि  जांच अधिकारी जेपी मौर्य अधिकारियो को बचाने के लिए गवाही के दौरान बयान बदलने के लिए दबाव डालते हैं।  विरोध करने पर गवाह को जेल भेजने की धमकी देते है। मणिशंकर पाण्डे ने पत्रकारवर्ता के दौरान जांच अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जेपी मौर्य अपने हिसाब से बयान दर्ज करा रहे है। पिछले दो-तीन पेशी से यही हो रहा है।

              पाण्डेय ने बताया कि 14 जनवरी की पेशी में अनुविभागीय अधिकारी बिल्हा के कार्यालय में लिपिक संतोष यादव के बयान का प्रतिपरीक्षण के समय पहली बार में संतोष यादव ने रिश्वत लेने की बात को मान लिया था। लेकिन जांच अधिकारी ने उन्हे टोकते हुए कहा कि ठीक से देखकर बताओ।  यह दण्डाधिकारी जांच है, फंस जाओगे।

                बाद में यादव ने अपना बयान बदल दिया। मै और मेरे वकील ने जब आपत्ति की तो जांच अधिकारी चुप रहने की सलाह दी।  ज्यादा बोलने पर जेल भेजने की धमकी भी दी। मणि शंकर ने बताया कि अधिकारी और कर्मचारी को बचाने के लिए जेपी मौर्य गवाहों पर दबाव बना रहे हैं। पत्रकारों को मणि शंकर बताया कि जांच में हो रही अनियमितता को देखते हुए राजेन्द्र तिवारी की मां जांच अधिकारी को बदलने की मांग की है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो सिसोदिया और जांच अधिकारी जेपी मौर्य से मेरी जान को खतरा हो सकता है। क्योकी राजेन्द्र ने जेल जाने के डर से ही ऐसा कदम उठाया था अब मेरे साथ भी वैसा ही सलूक किया जा रहा है।

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