जांजगीर।कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन ने जिले में ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के प्रावधानों के तहत जिले को मार्च से मानसून तक जल अभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है।कलेक्टर से जारी आदेश के अनुसार छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-3 (1) के अंतर्गत मार्च से मानसून तक सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के बिना जल अभाव ग्रस्त क्षेत्र से किसी भी जल स्त्रोतों से सिंचाई या औद्योगिक प्रयोजन के लिए या घरेलु प्रयोजन को छोड़कर किसी अन्य प्रयोजन के लिए किन्हीं भी साधनों से जल नहीं लिया जा सकता। इसी प्रकार अधिनियम की धारा-06 के अंतर्गत किसी भी प्रयोजन के लिए नलकूप नहीं खोदा जाएगा।
केवल शासकीय एजेंसी जैसे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को संपूर्ण जिले में और नगरपालिका निगम एवं नगर पंचायतों को केवल पेयजल हेतु अपने नगरीय निकाय की सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में नलकूप खनन हेतु अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।उन्हें केवल इस अवधि में खनन कराए गये नलकूपों की जानकारी प्राधिकृत अधिकारी को भेजना होगा।
आदेश में यह भी कहा गया है कि जन सुविधा को ध्यान रखते हुए अधिनियम की धारा-01 एवं 02 के अंतर्गत अनुमति प्रदान करने के लिए जिले में 6 अधिकारियों को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है।