ढाई साल बाद…ढाई साल की सजा..दस हजार जुर्माना

BHASKAR MISHRA
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distt. courtबिलासपुर— जिला एवं सत्र विशेष न्यायालय ने करीब ढाई साल पहले के एक मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत एक व्यक्ति पर 25 माह की सजा और दस हजार रूपए का जुर्माना किया है।

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                           जानकारी के अनुसार जिले के आवकारी विभाग वृत कोटा में करीब ढाई साल पहले मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में एक आरोपी को हिरासत में लिया गया था। तात्कालीन आबाकारी उपनिरीक्षक रविन्द्र पाण्डेय ने आरोपी नत्थूलाल सिसोदिया पिता इन्द्रराम सिसोदिया को हिरासत में लेने के अलावा पांच किलो गांजा भी बरामद किया था। आबकारी विभाग ने कार्रवाई करते हुए बिना नम्बर वाली मोटर सायकल बजाज पल्सर को भी जब्त कर लिया था।

            मामले में आबकारी विभाग ने 20 (बी)(2)(बी), एन. डी. पी. एस. एक्ट 1985 के तहत कार्यवाही की थी। गवाहों की लम्बी सुनवाई और साक्ष्य के परीक्षण बाद न्यायाधीश सुरेश कुमार सोनी की विशेष न्यायालय ने एनडीपीएस का आरोपी मानते हुए नत्थूलाल सिसोदिया को 25 माह का कारावास और दस हजार रूपए का जुर्माना किया है।

                       मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 2015 में पूरे देश में जिला स्तर पर नारकोटिक्स ड्रग्स के प्रभावी नियंत्रण के लिए टास्कफोर्स गठन करने को कहा था। आदेश पर अमल करते हुए तात्कालीन कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने स्पेशल टास्कफोर्स का गठन किया। अभियान में आबकारी टीम को बड़ी सफलता मिली थी।

                     आबकारी वृत्त कोटा में तात्कालीन आबकारी उपनिरीक्षक रवीन्द्र पाण्डेय ने 5 महीने के दौरान गांजा का एक अन्य मामला दर्ज किया था। जिसमें आरोपी को सजा हो चुकी है। इसके अलावा रविन्द्र पाण्डेय ने बलौदाबाजार और रायपुर में पदस्थापना के दौरान 3 अन्य महत्वपूर्ण प्रकरण भी कायम किया था।  जिसमें मांढर खुर्द का प्रकरण काफी चर्चित हुआ था। कार्रवाई में 10- 10 फ़ीट के गांजा पौधों को बरामद किया गया था।

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