ताला तोड़कर अभिषेक को सीईओ का पदभार…एक आलमारी महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब…सीईओ ने दिया कानूनी कार्रवाई का संकेत

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–एक बार फिर जिला सहकारी बैंक मर्यादित का ताला टूटा। इसके पहले भी पूर्व सीईओ अभिषेक तिवारी को कोर्ट के आदेश पर शासन ने ताला तोड़कर बैठाया था। करीब एक महीने बाद हाईकोर्ट से स्टे आर्डर मिलने के बाद अभिषेक तिवारी को जिला प्रशासन ने दुबारा ताला तोड़ कार्रवाई के बाद चैम्बर में बैठाया है। इस दौरान जिला सहकारी बैंक मर्यादित के कर्मचारी, जिला प्रशासन के अधिकारी के अलावा मार्कफेड अधिकारी और जिला सहकारी संस्थाएं के उप पंजीयक भी मौजूद थे। कमोबेश इस बार भी ताला तोड़ कार्रवाई और माहौल वैसा ही देखने को मिला जैसा पिछली बार था।

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                          जिला सहकारी बैंक मर्यादित बैंक सीईओ का चार्ज एक बार फिर नाटकीय घटनाक्रम के बाद पूर्व सीईओ अभिषेक तिवारी को मिल गया है। मालूम हो कि दिसम्बर 2017 में संचालक बोर्ड प्रमुख ने छुट्टी पर गए सीईओ अभिषेक तिवारी को एक तरफा रिलीविंग आदेश थमा दिय़ा। आदेश के खिलाफ अभिषेक तिवारी ने संयुक्त पंजीयक कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस बीच बोर्ड ने नया आदेश जारी कर विकास गुरूद्वान को सीईओ को प्रभार थमा दिया। संयुक्त पंजीयक कोर्ट से अभिषेक तिवारी को स्टे आदेश मिलने पर संचालक बोर्ड ने सीईओ कक्ष में ताला लगा दिया। जिला प्रशासन के सहयोग से अतिरिक्त तहसीलदार नारायण गभेल ने जनवरी महीने में पंचनामा कार्रवाई के बाद ताला तोड़वाकर सीईओ को चैम्बर सुपुर्द किया। इस बार भी कमोबेश उसी तरह का नजारा देखने को मिला जैसा करीब डेढ़ महीने पहले था।

                                                 अभिषेक तिवारी को मिले संयुक्त पंजीयक से स्टे के बाद संचालक बोर्ड और विकास गुरूद्वान ने ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया। ट्रिब्यूनल ने संचालक बोर्ड के पक्ष में फैसला दिया। फैसला आने के बाद संचालक बोर्ड ने एक बार फिर विकास गुरूद्वान को फरवरी महीने में बैंक का प्रभारी सीईओ बनाया। ट्रिब्यूनल कोर्ट के फैसले के खिलाफ अभिषेक तिवारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की मांग की। कोर्ट ने शनिवार को ट्रिब्यूनल के फैसले पर रोक लगा दिया। किसी निर्णय के तक जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि अभिषेक तिवारी अपने पद काम करेंगे।

फिर तालातोड़ की कार्रवाई..दूसरे दिन आफिस में बैठ सीईओ

                        सोमवार को हाईकोर्ट का आदेश लेने के बाद अभिषेक तिवारी जिला कलेक्टर से मिले। आदेश की कापी दिखाया। जिला कलेक्टर ने तहसीलदार को निर्देश दिया कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया जाए। सोमवार को जब अभिषेक तिवारी बैंक गए तो चैम्बर बंद पाया। विकास गुरूद्वान चैम्बर बंद कर नदारद हो गए। छानबीन के बाद दूसरे दिन मंगलवार को चाभी तो मिली लेकिन दुसरे ताले की। इसके बाद अतिरिक्त तहसीलदार की उपस्थिति में पंचनामा की कार्रवाई की गयी। इस दौरान जिला उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं दिलीफ जायसवाल,मार्कफेड अधिकारी जोशी भी मौजूद थे।

                    पंचनामा कार्रवाई के बाद ताला तोड़कर अभिषेक तिवारी को सीईओ को पदभार दिया गया।

एक आलमारी महत्वपूर्ण फाइल गायब

                              पदभार लेने के बाद सीईओ अभिषेक तिवारी ने बताया कि आलमारी से सभी रजिस्टर और महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब हैं। गायब दस्तावेजों में स्थापना , वित्तीय, कर्मचारी उपस्थिति और महत्वपूर्ण गोपनीय दस्तावेज शामिल है। फिलहाल आलमारी खाली है। पता लगाया जाएगा कि आखिर महत्वपूर्ण दस्तावेजों  को रखा कहां गया है। खोजबीन के बाद जैसी भी स्थिति बनेगी उसी के अनुसार कदम उठाया जाएगा। जरूरत पड़ी तो कानून का सहारा लिया जाएगा।

कोर्ट के आदेश का पालन

                         अतिरिक्त तहसीलदार नारायण गभेल ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया गया। पंचनामा कार्रवाई के बाद ताला तोड़कर चैम्बर को सीईओ अभिषेक तिवारी के हवाले किया गया। आगे की कार्रवाई की जानकारी कलेक्टर तक पहुंचा दिया जाएगा। गभेल ने बताया कि जानकारी मिल रही है कि जरूरी दस्तावेज गायब हैं। इसकी जानकारी सीईओ को ही लगाना होगा।

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