नेहरू चौक में जंगी प्रदर्शन…कांग्रेसियों ने केन्द्र को बनाया निशाना…विधायक के बोल..मयस्सर नहीं चरांगा किसी घर के लिए…डर गयी योगी,मोदी की सरकार.

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— जिला कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश कांग्रेस संगठन के निर्देश पर बिलासपुर स्थित नेहरू चौक में केन्द्र सरकार के खिलाफ एक दिवसीय धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया। नेहरू चौक में आयोजित जिला और शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यक्रम में जिले के सभी ब्लाक प्रमुख समेत कार्यकर्ता शामिल हुए। इस दौरान ब्लाक प्रमुख से लेकर कांग्रेस के पूर्व और वर्तमान जनप्रतिनिधियों ने केन्द्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना बनाया। नेताओं ने मोदी सरकार को गरीब और किसान विरोधी बताया।

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                      कांग्रेसियों ने आरोप लगाया कि चुनाव के पहले मोदी और उनके सिपहसलारों ने सीना ठोका था कि किसानों और गरीबों के लिए जनहितैषी कदम उठाए जाएंगे। लेकिन सरकार बनते ही केन्द्र सरकार ने किसानों और गरीबों के मुंह का निवाला ही छीन लिया। महंगाई की मार से आम जनता की कमर टूट गयी है। नेहरू चौक के धरना प्रदर्शन में जिला के सभी ब्लाक प्रमुखों समेत विधायक शैलेष पाण्डेय,पूर्व विधायक दीलिप लहरिया,सियाराम कौशिक,विजय केशरवानी,नरेन्द्र बोलर,अरविन्द शुक्ला,शेख गफ्फार,बसंत शर्मा,विभोर सिंह समेत दर्जनों पदाधिकारियों ने बारी बारी से केन्द्र की नीतियों को प्रजातांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया।

                             अपने संबोधन मे विधायक शैलेष पाण्डेय, विजय केशरवानी,नरेन्द्र बोलर,अरविन्द शुक्ला,सियाराम,राजेश पाण्डेय, शेख गफ्फार ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है। चुनाव के पहले मुंगेरीलाल की तरह जनता को सब्जबाग दिखाया गया। दूसरी बार सरकार बनते ही दिमाग से खेलने वालों ने जनता के पेट पर हमला किया है। गरीबों की थाली से चावल कम कर दिया गया। केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के केरोसिन कोटे में सत्तर प्रतिशत की कटौती कर दिया है। चुनाव के पहले मोदी ने जनता से वादा किया था कि धान का समर्थन मूल्य डेढ़ गुना किया जाएगा…यह जानते हुए भी कि डेढ़ गुना कम है। बावजूद इसके मोदी सरकार ने वादा पूरा नही करते हुए धान का समर्थन मूल्य मात्र 65 रूपए बृद्धि किए हैं। जो ऊंट के मुंह में जीरा जैसे है। किसान अब अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है।

                     शैलेश पाण्डेय , विजय केशरवानी,अरविन्द शुक्ला ने बताया कि आज प्रदेश में जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन किया गया है। इस दौरान केन्द्र सरकार के खिलाफ पांच महत्वपूर्ण बिन्दुओं को लेकर जनता को जागरूक किया गया है। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि केन्द्र में दूसरी बार सरकार बनते ही छत्तीसगढ के कोटे में करोसिन की कटोती,धान के समर्थन मूल्य में नाममात्र की बृद्धि, दाल भात केन्द्रों के चावल में कटौती,पेट्रोल डीजल के दामों में बेतहासा वृद्धि के अलावा महंगाई की मार को धरना प्रदर्शन के दौरान प्रमुखता से उठाया गया है।

प्रियंका हमारी राष्ट्रीय नेता…डर गयी योगी और मोदी सरकार

                                    धरना प्रदर्शन के बीच पत्रकारों से बातचीत के दौरान विधायक शैलेष पाण्डेय ने कहा कि आज की परिस्थिति में एक शेर बरबस आता है। कहां तय था चरांगा हर घर के लिए…कहां मयस्सर नहीं चरांगा किसी घर के लिए। चुनाव के पहले मोदी जी ने वादा किया था कि आदिवासियों के साथ न्याय किया जाएगा। जमीन लेने की सूरत में आदिवासी और किसानों के साथ न्याय किया जाएगा। किसानों को न्याय मिलेगा। महंगाई को नियंत्रित किया जाएगा। समर्थन मूल्य में बृद्धि होगी। लेकिन सरकार बनने के बाद ऐसा कुछ नहीं हुआ। केन्द्र सरकार ने समर्थन मूल्य वृद्धि के नाम पर केवल 65 रूपए बढ़ाए हैं।

                   शैलेश ने कहा कि मोदी सरकार को मालूम होना चाहिए कि वादे कैसे पूरे किए जाते हैं। सरकार बनने के मात्र कुछ घंटों के अन्दर मुख्यमंत्री ने धान का समर्थन मूल्य ना केवल 2500 किया। बल्कि बोनस भुगतान का एलान किया। बिजली बिल हाफ कर दिया। लेकिन केन्द्र सरकार ने केवल गरीबों का वोट हथियाने के लिए छल प्रपंच रचा। पाण्डेय ने बताया कि समझने वाली बात है कि मात्र दो प्रतिशत लोग उज्जवला योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। केरोसिन कोटे में कटौती कर केन्द्र सरकार ने प्रदेश के सत्तर प्रतिशत गरीब परिवारों का चूल्हा बन्द कर दिया है। जनता खून के आंसू रोने को मजबूर हैं।

                एक सवाल के जवाब में शैलेश पाँण्डेय ने बताया कि हमें दुख है कि हमारे भाजपा विधायक साथी भीमा मण्डावी को नक्सलियों ने निशाना बनाया। बावजूद इसके हमने धैर्य नहीं खोया। ना ही कुछ छिपाया। मुख्यमंत्री के निर्देश में भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं को मौके पर जाने दिया गया। सुरक्षा भी दी गयी। लेकिन सोनभद्र में प्रियंका गांधी के साथ जो कुछ हुआ…वह लोकतंत्र की हत्या जैसे है। प्रियंका गांधी देश की राष्ट्रीय नेता हैं। महासचिव हैं…उन्हें सम्मान के साथ सोनभद्र् नरसंहार से प्रभावित परिवारों से मिलने का मौका दिया जाना चाहिए। लेकिन योगी और मोदी सरकार ने मिली भगत कर प्रियंका गांधी को मौके पर नहीं जाने दिया गया। गिरफ्तार कर उन्हें नजरबंद रखा गया। बताने की जरूरत नहीं है कि इसे ही लोकतंत्र की हत्या कहते है। जबकि कांग्रेस नेत्री ने व्यवस्था का सम्मान करते हुए केवल चार पांच लोगों के साथ मौके पर जाने की अनुमति मांगी थी। लेकिन पोल खुलने के डर और प्रियंका की लोकप्रियता के भय से योगी और मोदी ने प्रियंका को अनुमति नहीं दी।

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