‘पढ़ई तुंहर दुआर ‘….अपने स्कूल और अपने शिक्षक को खोजना बच्चों के लिए क्यों है मुश्किल काम..?

Chief Editor
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बिलासपुर(मनीष जायसवाल) पढ़ाई तुंहर द्वार  के नाम से अब यू ट्यूब का सर्च इंजन घबराने लगा है। यूट्यूब पर PTD के विषय से जुड़े कुछ टाइप करो तो अनेक मिलते जुलते वीडियो मिलते है। जिसमे PTD छत्तीसगढ़  के ऑफिशियल वीडियो से दूसरे  यूटूबर्स के PTD से जुड़े वीडियो बहूत ज्यादा मिलते हैं।इस कार्यक्रम की वजह से कई नए यूट्यूब चैनल अस्तित्व में आ गए है। हिट्स में मामले PTD छत्तीसगढ़ के यूट्यूब पर अपलोड वीडियो व्यूज को तरसते है। इनके नाम बड़े और दर्शन छोटे है ।CGWALL NEWS के व्हाट्सएप ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये और रहे देश प्रदेश की खबरों से अपडेट

             
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शिक्षा विभाग से जुड़े जानकारों का कहना है किसीजी स्कुल डॉट इन की वेबसाइट की हालत  बहुत बड़े शॉपिग मॉल जैसी है। जो बड़े शहर की जगह छोटे कस्बे में खुल गया है। जहाँ से सुई खोजना और खरीदकर उसका उपयोग करना सामान्य व्यक्ति के लिए आसान नही है।  पोर्टल में लॉगिन करने के बाद किसी कक्षा के  विषय से जुड़ी इतनी कक्षाऐ है कि पोर्टल में अपने स्कूल व  शिक्षक को खोजना छात्रों को मुश्किल हो रहा है।इसके अलावा पोर्टल में ही इतनी विषय सामग्री है कि खोजने खोजते मन उचटने लगता है।

छात्र क्या पढ़े क्या न पढ़े , सब कन्फ्यूजन ही कन्फ्यूजन है। छात्र वॉट्सएप  पर शिक्षको द्वारा शेयर किये गए  वेबेक्स सिस्को के लिंक पर अधिक निर्भर है।शिक्षको  की सुविधाओं के लिए होने वाले पोर्टल के अपडेट से शिक्षक व छात्र भी परेशान है। पोर्टल पर पढ़ने के लिए मटेरियल अधिक हो गए है। 

जानकारों के मुताबिक राज्य स्तर पर किसी कक्षा के आन लाइन वेबेक्स एप की पढ़ाई को यूट्यूब पर लाईव पढ़ाया जाना शिक्षा विभाग का सबसे सफल प्रयोग है। इसमें राज्य स्तर के छात्रो को  वेबेक्स से जुड़े रहने की आवश्यकता नही है। PTD छत्तीसगढ़ की राज्य स्तर की कक्षाओं के यूट्यूब  से जारी वीडियो में डिजिटल ग्राफिक्स, डिजिटल साउंड,  शानदार स्टूडियो बेहतर क्वाटलिटी के है। इसमें प्रदेश के उत्कृष्ट शिक्षको द्वारा विषय व कक्षा वार लाइव वीडियो जो जारी किए गए है वे तकनीकी रूप से बेहतरीन  है.

 सही मायनों में पढ़ाई का सबसे सरल तरीका है। क्योंकि यूट्यूब ऑपरेट एक छ साल का बच्चा भी आसानी से उपयोग कर लेता है।परन्तु  यूट्यूब पर जारी हो रहे PTD छत्तीसगढ़ के वीडियो छात्रो को जोड़े रखने में कामयाब नही है। व्यूूूज के मामले में ये फिसड्डी है। शिक्षा विभाग के पास राज्य स्तर पर यूट्यूब लाइव कक्षा के रूप में  शहद से भरा कटोरा है। यूट्यूब  सस्ते से सस्ते मोबाइल में  सरलता से काम करता है। स्मार्ट फोन में इसे किसी अतिरिक्त पंजीयन की जरूरत नही है।फिर पता नही क्यो विभाग के कर्ता धर्ता  सिस्को वेबेक्स की ही जूठन के पीछे घूम रहे है …। अच्छे खासे लोग  सिस्को वेबेक्स के दस बार पंजीयन वाले वीडियो देख ले भी इसमे खाता बनाने में परेशानियों का सामना कर रहे। 

सोशल मीडिया पर छात्रो के पास इतने अधिक विषय वस्तु आ गई है कि राज्य स्तर पर ऑनलाइन कक्षाऐ दम तोड़ चुकी है।  जिसका उदाहरण  PTD छत्तीसगढ़ से  यूट्यूब पर अपलोड होने वाले वीडियो है। यूट्यूब खुली किताब जैसा है। इसके दर्शक कितने है छिपाए नही छिपते है। 

PTD छत्तीसगढ़ के यूट्यूब पर 5.73 K सब स्क्राईबर है। जो एक्टिव नही के बराबर है। खबर लिखे जाने तक राज्य स्तर पर प्रसारित तीन जुलाई को डिजिटल कक्षा चार का गणित विषय का जोड़ घटाव  बुधवार को खबर लिखे जाने तक केवल 27 व्यूज मिल पाया है। 29 जून को कक्षा 7 का संस्कृति  विषय का प्रमुखपर्वाणि भाग 2 केवल 97 व्यूज मिले है। कक्षा पांच का पाठ दो घी,गुड़ औऱ शहद देने वाले वृक्ष 309 व्यूज ही है। राज्य स्तर पर कक्षा 12 के गणित के 29 वीडियो भी ऐसे ही है। जिसमे 13 जून को प्रसारित चैप्टर 11 को 263 व्यूज है जबकि 26 जून को चैप्टर 11 के पार्ट 2 को मात्र 90 व्यूज मिले है। PTD छत्तीसगढ़ के  लगभग सभी वीडियो दर्शकों को तरसते  है। 

सीजी स्कूल डाट इन के पोर्टल पर एनजीओ सामग्री   उच्छ स्तर की है। लैग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन , यूनिसेफ, रूम टू रीड, प्रथम, ट्रांसफार्म स्कूल जैसी राष्ट्रीय औऱ  समाजिक सरोकार रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्थओं के  पड़ने सीखने के वीडियो 

यूट्यूब पर अपलोड वीडियो उच्च स्तरीय है पर ये सब भी  व्यूज के लिए तरसते है।प्रथम ओपन स्कूल का एनर्जी परिवार को 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पाया है। बाकी भी नाम के मुकाबले कोई व्यूज में कही नही बैठते है। कुल मिला कर कहा जाए तो यूट्यूब में पढ़ाई तुंहर द्वारा के यूट्यूब विडीयो सफल नही है। स्क्रीन पर दिख रही हिट्स तो यही कहती है। बाकि दावे सबके अपने अपने है। 

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