परिणाम देखते ही भड़के विवि के छात्र

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—बिलासपुर विश्वविद्याल के छात्र इन दिनों अपने परीक्षा परिणाम  को लेकर बेहद आक्रोशित हैं। छात्र नेताओं का आरोप है कि कापी जांच मे काफी लापरवाही बरत गयी है। इसी बात को लेकर आज एनएसयूआई ने बिलासपुर विश्वविद्याल का घेराव किया। आक्रोशित एनएसयूआई कार्यकर्ताओ के साथ विश्वविद्यालय के अंदर घुसने का प्रयास किया। लेकिन चुस्त पुलिस व्यवस्थआ के बीच आंदोलनकारी छात्र अपने मंसूबों में कामयाब नहीं सके। इस दौरान पुलिस और एनएसयूआई के छात्र नेताओ के बीच धक्की-मुक्की जमकर हुई । विरोध कर रहे छात्र संगठन ने कुल सचिव से मिलकर छात्रहित मे परीक्षा परिणाम को निरस्त कर पुनः मुल्याकंन की मांग की है।

                भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन का कहना है कि सत्र 2014-15 मे आयोजित बीकाम और पीजीडीसीए परीक्षा का परिणामों मे भारी गडबडी की शिकायत मिल रही है। जिसके चलते हजारो छात्रो का भविष्य अंधकारमय हो गया है । विश्वविद्यालय छात्र हित में घोषित किए गए परिणाम को निरस्त करते हुए परीक्षा कापी का पुनःमुल्यांकन कराए।

                   छात्र संगठन एनएसयूआई के अनुसार पीजीडिसीए और बीकाम की परीक्षा मे कुल 7339 विद्यार्थी शामिल हुए थे। जिसमे से मात्र 2339 विद्यार्थी ही पास हुए हैं। 2212 पूरक और 2702 परीक्षार्थी फेल हुए है। घोषित किए गए परीक्षा परिणाम किसी भी सूरत में छात्र हित में नहीं है। छात्रों ने आरोप लगाया कि कापी जांचने के दौरान भारी लापरवाही की गयी है। अन्यथा इतना गंदा परिणाम नहीं आता । आक्रोशित छात्र नेताओं ने कुलपति पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें छात्रहित से कोई सरोकार नहीं है। यदि कापियों का पुन्रमुल्यांकन नहीं हुआ तो वे  उग्र आंदोलन करेंगे।

             वहीं कुलपति डॉ.गौरीदत्त शर्मा ने छात्रो के आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा की एक-एक कापियो को गंभीरता के साथ जांचा गया है । अगर छात्रो को किसी गडबडी की आंशका है तो वे पुनः मुल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं। विश्वविद्यालय उनके परिक्षा काँपियो को जांचने के लिये तैयार है। पुनः जांच में अगर विद्यार्थियो के नम्बर ज्यादा आते है तो उन्हे खुशी होगी । विश्वविद्यालय पुनः मुल्यांकन की फीस भी नही लेगा।

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