बिलासपुर–पुनर्मूल्यांकन के बाद मेरिट सूची में शामिल ना करने के खिलाफ चुनौती याचिका को बिलासपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अकादमिक नियम सही है। मालूम हो कि दुर्ग के बारहवीं का छात्र राहुल चंद्राकर ने याचिका दायर कर कहा था कि वो 12वीं परीक्षा में 2 नंबर कम आने से मेरिट सूची में आने से वंचित हो गया।
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रिवेल्यूशन फार्म भरने पर उसका नंबर तो बढ़ गया लेकिन मेरिट सूची में उसका नाम माध्यमिक शिक्षा मंडल में नहीं डाला गया। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने छात्र को तर्क दिया था कि पुनर्मूल्यांकन में कम से कम 10 अंको की बढ़ोत्तरी ही मान्य है। हाईकोर्ट ने अकादमिक नियम को सही ठहराते हुए छात्र की याचिका खारिज कर दिया है।