नईदिल्ली।सरकार पेंशनधारियों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है। EPFO एंप्लॉयी पेंशन स्कीम के तहत दी जाने वाली मिनिमम पेंशन की राशि को दोगुना करने जा रही है। ऐसा होने के बाद लोगों को इसके तहत मिलने वाली मिनिमम पेंशन 2,000 रुपए हो जाएगी।मिली जानकारी के अनुसार अगर ऐसा होता है तो इससे देश के करीब 40 लाख पेंशनधारियों को फायदा होगा। इससे केंद्र सरकार पर करीब 3,000 करोड़ रुपए सालाना का बोझ पड़ेगा। कैबिनेट ने पहले ईपीएस के तहत एक साल के लिए न्यूनतम 1,000 रुपये मासिक पेंशन को मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद अगले साल यह राशि लगातार जारी की गई। अभी केंद्र सरकार मिनिमम पेंशन देने के लिए EPFO को 813 करोड़ रुपए सालाना देती है। जो लोग 2,000 रुपए से कम पेंशन प्राप्त कर रहे हैं उन्हें 2,000 रुपए मिनिमम पेंशन देने के लिए केंद्र सरकार को इसके दोगुने से भी ज्यादा पैसा देना होगा।
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इकॉनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है यदि वर्तमान ईपीएस दोगुना हो जाए तो सरकार पर कितना बोझ पड़ेगा। श्रम मंत्रालय ने ईपीएफओ को कुल लागत और लाभार्थियों की संख्या की गणना करने के लिए कहा है। अधिकारी ने कहा कि ईपीएफओ जल्द ही न्यूनतम पेंशन को दोगुना करने के निहितार्थ को अंतिम रूप दे देगा, जिसके बाद सरकार ईपीएफओ के केंद्रीय बोर्ड को प्रस्ताव पेश करेगी। वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 और ईपीएस 1995 या ईपीएस-95 के तहत दो रिटायरमेंट सेविंग स्कीम हैं।
आंकड़े बताते हैं कि लगभग 60 लाख लोग हैं जो ईपीएस-95 के लाभार्थी हैं। कुल लाभार्थियों में से कम से कम 18 लाख मौजूदा लाभार्थियों की 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन है। अब तक, सरकार के पास योजना के तहत 9,000 करोड़ रुपये के कुल वितरण के साथ पेंशन फंड में करीब तीन लाख करोड़ रुपये हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ट्रेड यूनियनों और अखिल भारतीय ईपीएस -95 पेंशनर्स संघ समिति के लगातार दबाव में रही है ताकि न्यूनतम मासिक भुगतान 3,000 रुपये से 7,000 रुपये तक कर सके।