रायपुर। 14 अप्रैल से 24 अप्रैल तक चलने वाले वाले ‘ग्राम उदय से भारत उदय अभियान’ के दौरान गांवों में पेयजल एवं स्वच्छता के लिए अनेक गतिविधियां संचालित की जाएंगी। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव एन.के. असवाल ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। अपर मुख्य सचिव ने अभियान के अंतर्गत 21 अप्रैल से 24 अप्रैल तक ग्राम पंचायतों में आयोजित ग्रामसभाओं में पेयजल एवं स्वच्छता पर विशेष रूप से विचार-विमर्श कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अभियान के दौरान श्रमदान कार्यक्रम आयोजित कर पेयजल स्रोतों, स्कूलों और आंगनबाड़ियों के आसपास साफ-सफाई के साथ ही निस्तारी तालाबों की सफाई प्राथमिकता से कराने कहा है। असवाल ने साफ पेयजल एवं स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियां संचालित करने के भी निर्देश दिए हैं।
परिपत्र में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में हैंडपंप ही पेयजल के मुख्य स्रोत हैं। इसके आसपास स्वच्छता एवं साफ-सफाई रखा जाना चाहिए। हैंडपंप के प्लेटफॉर्म पर कपड़े और बर्तन नहीं धोना चाहिए। नहाना भी नहीं चाहिए। इससे हैंडपंप के जल के दूषित होने की संभावना बढ़ जाती है। श्री असवाल ने कलेक्टरों को कहा है कि हर वर्ष होने वाली नल-जल योजनाओं की पानी टंकियों की सफाई इस वर्ष भी वे प्राथमिकता से कराएं।
अपर मुख्य सचिव ने परिपत्र में बताया है कि जिन हैंडपंपों में लालपट्टिका लगी हों, उनके जल का पेयजल के लिए उपयोग न किया जाए। ऐसे हैंडपंपों के पानी का निस्तारी हेतु उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा है लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पंचायतों को जल की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए फील्ड टेस्ट किट दिए गए हैं। इसके इस्तेमाल के लिए पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण भी दिया गया है।