पैसेंजर को ट्रेन से बाहर फेंकने वाले टीटीई पर अमित जोगी ने रेलवे से पूछा क्या – गलत टिकट पर यात्रा करने वाले की जान से खिलवाड़ करेंगे

Shri Mi
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बिलासपुर।दो दिन पहले पेंड्रा के एक युवक को चलती ट्रेन से टीटीई द्वारा नीचे फेंके जाने की घटना हुई थी। मरवाही विधायक अमित जोगी ने इस घटना पर रेल मंत्रालय को आड़े हाथों लेते हुए रेल मंत्री पियूष गोयल और साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे (एस.ई.सी.आर.) के महाप्रबंधक सुनील सिंह सोइन को पत्र लिख घटना पर त्वरित कार्यवाही की मांग की है। पत्र में जोगी ने लिखा है कि एस.ई.सी.आर. ज़ोन के एक ट्रेन टिकट निरक्षक (टीटीई) द्वारा की गयी ह्रदयवितारक घटना ने मानवता की सभी हदों को पार कर दिया है।

घटना का ब्यौरा देते हुए जोगी ने बताया कि शनिवार को पेंड्रा (छत्तीसगढ़) के ग्राम कुड़कुई निवासी 28 वर्षीय इंद्रकुमार कश्यप अनूपपुर से अपने घर पेंड्रा रोड की यात्रा कर रहे थे जिसके लिए उन्होंने पैसेंजर ट्रेन का टिकट लिया था। श्री कश्यप अनूपपुर जिले के ग्राम हरद में मजदूरी का कार्य करते हैं। जल्दबाजी में भूलवश वे अनूपपुर स्टेशन में रीवा बिलासपुर पैसेंजर ट्रेन में चढ़ने की बजाय नवतनवा दुर्ग एक्सप्रेस ट्रेन में चढ़ गए।

अनूपपुर स्टेशन से ट्रेन आगे बढ़ने पर जब टीटीई टिकट जांच के लिए आये तब श्री कश्यप की टिकट जांचने पर उनसे कहा गया कि चूँकि श्री कश्यप पैसेंजर ट्रेन की टिकट पर एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रा कर रहे हैं इसलिए उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा जिसके लिए टीटीई द्वारा श्री कश्यप से 800 रूपए जुर्माने की मांग करी। जुर्माने की इतनी भारी रकम राशि चुकाने में असमर्थता जताते हुए श्री कश्यप ने उनके पास सिर्फ 200 रूपए होने की बात कही।

इसके बाद टीटीई ने श्री कश्यप से वाद विवाद शुरू कर दिया और वेंकटनगर स्टेशन के पास श्री कश्यप को उक्त टीटीई ने चलती ट्रेन से धक्का दे दिया जिससे उनकी बाएं पैर की हड्डियां चकना चूर हो गयीं और युवक गंभीर रूप से घायल हो गए । युवक की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें तत्काल बिलासपुर के अपोलो अस्पताल लाया गया जहाँ उनका एक पैर काटना पड़ा। वर्तमान में भी श्री कश्यप की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

जोगी ने केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि इस प्रकरण ने हम सबको झगझोड़ कर रख दिया है। जोगी ने रेल मंत्री से पूछा कि क्या रेल मंत्रालय द्वारा एक छोटी सी भूल की इतनी बड़ी सजा दी जाती है? क्या केंद्र सरकार की नज़रों में एक इंसान की जान की कीमत इतनी कम है कि पैसेंजर ट्रेन की टिकट पर एक्सप्रेस ट्रेन में भूलवश यात्रा करने पर उसकी जान पर बन आती है? क्या रेल मंत्रालय में सारी मानवीय संवेदनाएं मर गयी हैं?

यही सवाल अमित जोगी ने रेल मंत्री, रेल मंत्रालय और एस.ई.सी.आर. के महाप्रबंधक को ट्वीट के माध्यम से भी पूछा है।

पत्र के अंत में जोगी ने लिखा है कि यह बहुत ही गंभीर घटना है। एक जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्होंने रेल मंत्री से निवेदन किया है कि इस मामले में दोषी टीटीई के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज हो और तत्काल विभागीय कार्यवाही की जाए। साथ ही पीड़ित इंद्रकुमार कश्यप को रेल मंत्रालय द्वारा 1 करोड़ रूपए मुआवजा राशि और रेलवे में नौकरी दी जाए। अमित जोगी ने आशा करी है कि विषय की गंभीरता को देखते हुए रेल मंत्री और एस.ई.सी.आर. के महाप्रबंधक इस पर त्वरित कार्यवाही करेंगे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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