फार्मासिस्टों ने किया चिकित्सा में चमत्कार…

BHASKAR MISHRA
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Pharmacist Day celebrationबिलासपुर— एसईसीएल बिलासपुर के तत्वावधान में मानव संसाधन विकास संस्थान स्थित सभागार में  विश्व फार्मासिस्ट दिवस के अवसर कोलइण्डिया फार्मासिस्ट मीट का आयोजन किया गया।  प्रमुख चिकित्सा सेवा डा. ए.एम. गांजरे के मुख्य आतिथ्य, डॉ. ए.एम. मोहन प्रमुख चिकित्सा सेवाए मुख्यालय बिलासपुर, डा. एम.टी. टिकास मुख्य चिकित्सा अधिकारी इंदिरा विहार स्वास्थ्य केन्द्र की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ ।

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                    इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रमुखडा.ए.एम. गांजरे ने अपने उद्बबोधन में स्वास्थ्य सेवाओं में फार्मासिस्ट की बहुमुखी प्रतिभा के महत्व और उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चिकित्सा में प्रयुक्त द्रव्यों के ज्ञान को औषध विज्ञान अथवा भेषज विज्ञान या फार्मेसी कहते हैं । औषधियों का ज्ञान और  उनका संयोजन ही नहीं वरन उनकी पहचान, संरक्षण, निर्माण, विश्लेषण और प्रमापण भी है । औषधियों के निर्माण में विशेषज्ञों की आवष्यकता पड़ती है ।

                            डा. ए.एम. मोहन ने कि  प्राचीन समय में डाक्टर ही फार्मासिस्ट हुआ करते थे। फार्मासिस्टों के प्रयास से ही आज स्वास्थ्य सेवाओं में चमत्कारिक विकास हुआ है। फार्मासिस्ट के बिना चिकित्सा जगत की कल्पना नहीं की जा सकती है । फार्मासिस्ट के अंदर एक अलौकिक क्षमता होती है। वे औषधियों की अच्छी जानकारी रखते हैं। जो एक चिकित्सक के लिए भी बहुत मुश्किल है। फार्मासिस्ट चिकित्सक के सहयोगी के रूप में सक्रिय भूमिका निभाता है । यह बातें एसईसीएल में आयोजित मधुमेह नियंत्रण कार्यशाला में डा. ए.एम गाजरे ने कही।

                 एसईसीएल मं मधुमेह नियंत्रण पर आयोजित कार्यशाला में आज उपस्थित लोगों के सामने डा. ए.एम. गाजरे प्रमुख चिकित्सा एसईसीएल ने स्वास्थ्य सेवाओं पर फार्मासिस्ट के योगदान पर व्याख्यान दिया। उन्होने बताया कि बिना फार्मासिस्ट के योगदान से आज चिकित्सा सेवा का इतना विस्तार संभव नहीं था। कार्यशाला को डा. ए.एस. जैन उप चिकित्सा अधीक्षक ने ’गुड फार्मेसी प्रेक्टिस’ पर अपने उद्गार उपस्थित लोगों के सामने रखा। उन्होंने फार्मेसी प्रेक्टिस रेग्युलेशन-2015 के बारे में भी जानकारी दी ।

                 शैक्षणिक सत्र के कार्यक्रम में एन.के. साहू वरिष्ठ प्रबंधक ने दवाओं की खरीदी तथा दवा भण्डार प्रबंधन’’ के बारे में जानकारी दी । अंतिम शैक्षणिक सत्र में डा. ए.एम.मोहन ने फार्मेसी के इतिहास तथा नैतिकता’ और ’फार्मासिस्ट की दैनिक कार्यप्रणाली की जानकारी देते हुए फार्मासिस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका को सबके सामने रखा।

       इस अवसर पर विभिन्न कम्पनियों के फार्मासिस्टो ने भी कोलइण्डिया लिमिटेड में अपने कार्यअनुभव को साझा किया ।

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