गरियाबंद।अल्पसंख्यक पिछड़ा वर्ग प्रदेश अध्यक्ष व कांग्रेस कमेटी असँगठित क्षेत्र जनसमस्या निवारण प्रकोष्ठ गरियाबंद जिला अध्यक्ष मोहम्मद सफीक खान ने भाजपा शासित राज्यों बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश मे कानून व्यवस्था के लचर होने और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति सहित मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार को लेकर दुख प्रकट किया है, उन्होंने राज्य मे गरीबों, निचले तबकों के साथ हो रही घटनाओं के लिये भाजपा की नीतियों और कार्य प्रणालीयो को जिम्मेदार ठहराते हुए, राज्य सरकारो की हिटलरशाही और बरबर रवैये की आलोचना की है।
झारखंड के सायरकेला खरसावां, युपी का सोनभद्र और बिहार के छपरा की घटना ने भाजपा शासित राज्यों की पोल खोल दी है अनेक घटनाओं से तीनों राज्यों मे हाहाकार मचा हुआ है।जान माल की रक्षा नही हो रही हैं।
और लोगों का जीवन मुश्किलों मे हैं लोग इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं, खुले आम कानून की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं और सड़कों पर फैसले हो रहे है, क्या यह लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा नही है।
केंद्र और राज्य की सरकारों पर बिलखते गरीबों के आंसुओं का कोई असर नही होना क्या साबित करता है?काग्रेस ने इसे राज्य सरकारों की विफलता बताते हुए कानून का राज स्थापित करने की मांग की है।खान ने कहा है कि मोदी ने संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष मे कहा था,सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास अर्जित किया जाएगा।
देश के 130 करोड़ जनता के दिलो को जीतने की बात कानून की मंदिर से की गई थी।किन्तु यह भी झूठा साबित हो रहा है।उनके अव्हानो पर कोई संज्ञान नही लिया जा रहा है।और उनके स्पष्ट निर्देशो का पालन नही हो रहा हैं, साफ तौर पर दुख के साथ कहा जा सकता हैं कि देश के मुखिया की कथनी और करनी मे भारी अंतर है।
भाजपा शासित राज्यों में केवल सत्ता मे बने रहने के लिए इस तरह के हथकंडो को अंजाम दिया जा रहा हैं।जो अफसोसजनक है।वहीं दूसरी तरफ हिन्दुस्तान की आधी आबादी अभी बाढ़ की भंयकर चपेट मे है,बाढ़ की विभीषिका के चलते 6दिनो से लोग भूखे है।स्थिति बेहद खराब है,उसकी सरकारों को कोई चिंता नहीं है।