भीषण गर्मी को शिक्षाकर्मियों की चुनौती..बूढातालाब में लगी शिक्षकों की महापंचायत..भीड़ और हौसला देख प्रशासन दंग

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— रायपुर स्थित बुढ़ातालाब शिक्षाकर्मियों की खेप पहुचनी शुरू हो गयी है। समय से पहले ही बूढातालाब मैदान में अप्रत्याशित रूप से महिला और पुरूष शिक्षाकर्मियों की भीड़ पहुंच रही है। कल तक कयास लगाया जा रहा था कि तेज गर्मी के कारण हो सकता है कि शिक्षाकर्मियों की संख्या कम पहुंचे। लेकिन देखने में आया है कि हजारों की संख्या में शिक्षाकर्मी लोग मैदान में पहुंच गए है। आने का सिलसिला लगातार जारी है। मैदान के आस पास पुलिस प्रशासन की चौकस व्यवस्था है। जिला प्रशासन भी किसी भी स्थिति से निपटने के तैयार नजर आ रहा है।

                                रायपुर स्थित बूढ़ातालाब मैदान में पूर्वनिर्धारित योजना के तहत शिक्षाकर्मियों का हुजुम पहुंचने लगा है। सुबह 11 बजे तक हजारों की संख्या में शिक्षाकर्मी पहुच चुके हैं। दूर दराज क्षेत्र से शिक्षाकर्मियों का आने का सिलसिला जारी है। शिक्षाकर्मी नेता हेमेन्द्र साहसी ने बताया कि छत्तीसग़ढ़ के कोरिया से कोंटा और पेन्ड्रा से जशपुर के अंतिम गांव से शिक्षाकर्मी महापंचायत में भाग लेने पहुंचे हैं।

                 बूढातालाब मैदान में शिक्षाकर्मियों की प्रारम्भिक संख्या जिला और पुलिस प्रशासन भी दंगे है। उम्मीद थी कि जब सूरज 44 डिग्री पर चमक रहा है तो शिक्षाकर्मियों की संख्या महापंचायत में कम होगी। लेकिन शिक्षाकर्मियों ने लोगों के कयास को झूठलाते हुए पूरी तैयारी के साथ बूढ़ातालाब पहुंचे रहे हैं। कुछ लोग निजी वाहन से तो कुछ ट्रेन से उतरकर आटो रिक्शा के सहारे बूढातालाब पहुंच रहे हैं।

                         शिक्षाकर्मी नेता हेमेन्द्र साहसी,विकास सिंह राजपूत और अमित नामदेव ने बताया कि शिक्षाकर्मियों के शैलाब को रोकना मुश्किल है। जब 9 सूत्रीय मांग को सरकार नहीं मानती है जंग का दौर खत्म नहीं होगा। इसके लिए हर कुर्बानी शिक्षकर्मी देने को तैयार हैं।

   शिक्षाकर्मी मोर्चा संचालक संजय शर्मा केदार जैन वीरेंद्र दुबे विकास राजपूत, चंद्रदेव राय मौके पर पहुंच गए हैं।मोर्चा संचालक नेताओं ने बताया कि हमारी लड़ाई ना प्रशासन से है ना ही सरकार से..हमारी लड़ाई उन अधिकारियों से है जिन्होने शिक्षाकर्मियों को तवज्जों नहीं दिया। पिछले 17 सालों में 23 लालीपा कमेटियां बनी लेकिन शिक्षाकर्मियों के हितों को दरकिनार कर दिया गया।

                               मोर्चा नेताओं ने बताया कि 24 वीं कमेटी राजस्थान से लौट आयी है। शिक्षाकर्मी भी चाहते हैं कि राजस्थान मॉडल को प्रदेश में लागू किया जाए। लेकिन कुछ अधिकारी सरकार को अंधेरे में रखकर शिक्षाकर्मियों को कमतर आंकने की भूल की है। लेकिन प्रदेश के सभी शिक्षाकर्मी साती प्रचंड गर्मी में बताना चाहते हैं कि हमें पहले भी तोड़ने का प्रयास किया गया। जैसा वर्तमान में किया गया। बावजूद इसके हमारी ताकत को कोई नहीं तोड़ सकता है।

               महापंचायत में फैसला लिया जाएगा कि 9 सूत्रीय मांग को लेकर शिक्षाकर्मी क्या कदम उठाएंगे। महापंचायत में हजारों शिक्षाकर्मियों के अलावा शिक्षाकर्मी नेता मनोज, संजय, देवनाथ साहू, प्रवीण श्रीवास्तव, आयुष पिल्ले, हेमेंद्र साहसी सुधीर प्रधान वजीद खान आशीष राम, सुख नंदन साहू, स्वदेश शुक्ला संतोष जायसवाल सत्यनारायण नायक ओ. पी. सोनकला, डॉ. भूषण चंद्राकार, प्रदीप साहू दिलीप साहु गोपी वर्मा संतोष सिंह मौजूद हैं।

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