महंत ने क्यों कहा…भूपेश देंगे जवाब….आदिवासी के सवाल पर बोले…अंतिम निर्णय आना बाकी…अभी कुछ नहीं कहेंगे

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—निजी प्रवास पर आज विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत बिलासपुर पहुंचे। पत्रकारों से चर्चा के दौरान बताया कि सरकार अच्छा काम कर रही है। कही कोई शिकायत नहीं है। किसान युवा कर्मचारी और व्यापारी लोग खुश हैं। सरकार ने फैसला किया है कि लोगों की मांंग पर ही मध्यान्ह भोजन में अण्डा परोसा जाएगा। उन्होने कहा कि मोहन मरकाम कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष हैं। उन्हें सुरक्षा मिली हुई है। उनकी शिकायत क्या है..इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। जोगी के सवाल विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जोगी का मामला अंतिम चरण में है। इस पर बहुत कुछ बोला जा चुका है।

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                                                              निजी प्रवास पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत बिलासपुर पहुंचे। उन्होने समय निकालकर पत्रकारों से बातचीत की। छत्तीसगढ़ सरकार के कामकाज को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि सरकार जिन उद्देश्यों को लेकर बनी है। उसे बेहतर तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। किसानों की समस्या,बोनस, समर्थन मूल्य देने के अलावा आम जनता को ध्यान में लेकर रणनीति बनायी गयी है। लगातार मंत्रीगण विचार विमर्श कर जनहित की योजनाएं बनाकर काम कर रहे हैं।

                    कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव के सवाल पर चरणदास महंत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते पार्टी रणनीति से दूरी है। फिर भी जल्द ही  काग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का एलान कर दिया जाएगा। सब कुछ प्रक्रियाधीन है। पांच जोन बनाए गए हैं। जोन नेताओं से राय़शुमारी के बाद अध्यक्ष के नाम का एलान कर दिया जाएगा।

                     मध्यान्ह भोजन में अण्डा परोसे जाने को लेकर विधानसभा में भाजपा नेताओं ने बहिष्कार किया आखिर अण्डा परोसे जाने को लेकर नाराजगी किस बात को लेकर है। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि यह सही है..कुछ लोगों ने इसका विरोध किया है। खासकर कबीरपंथी समाज का अण्डा परोसने को लेकर ज्यादा नाराजगी है। सराकार ने फैसला किया है कि जो लोग अण्डा खाते हैं..उनके घर तक पहुंचाया जाए। जिन्हें पसंद नही उन्हें अण्डा नहीं दिया जाएगा। लोकतंत्र है..सबकी बातों का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी भी है। जिन्हें पसंद है..वे खाएं..जिन्हें नहीं..उन्हें दूर रखा जाए।

                                  पीसीसी चीफ मरकाम का मंच टूट गया। उन्हें चोट लगी। मौके पर ना तो पुलिस पहुंची और ना ही प्रशासन…क्या प्रशासनिक अधिकारी बेलगाम है। सवाल के जवाब में महंत ने कहा कि मरकाम का प्रशासन से कोई लेना देना नहीं है। शायद मंत्री होते तो प्रशासन मौके पक्षर जरूर रहता। मरकाम को जेड प्लस सुरक्षा के सवाल पर महंत ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।विधायक शैलेश पाण्डेय के बताए जाने पर महंत ने कहा कि शायद बस्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्र से हैं..इसलिए उन्हें शायद जेड प्लस की सुरक्षा मिली है। ऐसे में प्रशासन को मौके पर होना चाहिए था। फिलहाल सवाल का बेहतर जवाब मुख्यमंत्री ही दे सकते हैं।

                    मरकाम के बयान पर जोगी ने नाराजगी जाहिर की है। क्या माना जाए कि जोगी आदिवासी विरोधी और आदिवासी नेता नही है। सवाल पर महंत ने कहा कि इस मामले में सालों से विचार चल रहा है। अन्तिम निर्णय भी आना बाकी है।जब तक निर्णय आ नहीं जाता है…इस बार हम कुछ कह नहीं सकते है।

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