महामाया दरबार में जनसैलाब…तिफरा में उमड़ी भीड़

BHASKAR MISHRA
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12/19/2001 8:03 PMबिलासपुर– इन दिनों शहर माता के  भक्ति भाव में डूबकर आध्यात्मिक सुख ले रहा है। माता के दर्शन करने सुबह से ही मंदिरों में भक्तों का तांता देखने को मिला। लोग अल सुबह से ही अपनी मुरादों को लेकर माता के दरबार में पहुंच रहे हैं। भक्तों के आने का सिलसिला दोपहर बाद तक चलता रहा। तिफरा स्थित काली मंदिर और रतनपुर महामाया दरबार में श्रद्धालुओं का सैलाब देखने को मिला। प्रदेश के बाहर से भी लोग माता के चरणों का दर्शन लेने पहुंचे। सभी ने मां जगत जननी से आशीर्वाद मांगकर अपने आप को धन्य समझा।

             
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                     रविवार  को रतनपुर महामाई दरबार और  तिफरा स्थित सुप्रसिद्ध काली मंदिर में आज श्रद्धालुओं का सैलाब देखने को मिला। दूर-दूर से भक्त गण पहुंचकर माता से आशीर्वाद लिया। माता रतनपुर के दरबार में सुबह से भक्तों की लम्बी लाइन देखने को मिली।  लोगों ने कतार में घंटों इंतजार के बाद मां का दर्शन कर किया। महामाया के दरबार में आजा राजा और रंक दोनों एक ही पंक्ति में नजर आए।पल-पल में मंदिर जय माता दी के जयघोष से गूंजता रहा। भक्तों ने बताया कि माता शक्ति का नवरात्रि में जो भी दर्शन करता है उसका जीवन धन्य हो जाता है। जो ना केवल यह जन्म बल्कि आने वाला जन्म भी धन्य हो जाता है। श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने पुख्ता इंतजाम कर रखे हैं।

                      तिफरा स्थित काली मंदिर में भी सुबह से ही माता के श्रद्धालुओं का तांता देखने को मिला। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के दौIMG-20151018-WA0004रान माँ का दर्शन करनेवाले भक्तों की मनोकामना जरूर पूरी होती है। माता काली का दर्शन करने आज सुबह से भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। इस दौरान पुलिसिंग भी चुस्त दुरूस्त देखने को मिली। मंदिर के पुजारी ने बताया कि हर साल की तरह इस बार ज्योति कलश की संख्या में इजाफा हुआ है। माता के जीवंत स्वरूप को देखने लोग दूर-दूर से पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि जो यहां सच्चे मन से आता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।

                           नवरात्रि के पावन पर्व पर आज भैरव नाथ बाबा के दरबार में पहुंचकर चार किलो चांदी का छत्र चढ़ाया है। दान देने वाले का नाम गुप्त रखा गया है। लोकमान्यता के अनुसार माता महामायी के दर्शन करने से पहले या बाद में बाबा भैरव नाथ का आशीर्वाद लेना बहुत जरूरी है। आज सुबहे से ही बाबा भैरव के दरबार में भी भक्तों का हुजुम देखने को मिला। आज किसी चार किलो गुप्तदान भेंटकर आशीर्वाद भी लिया।

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