मान्य नहीं..प्रायवेट कालेज के प्राध्यापक..कुलपति

BHASKAR MISHRA
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IMG_20151223_132937बिलासुपर– अपने स्थापना समय से ही सुर्खियों में रहने वाला बिलासपुर विश्वविद्यालय की कार्यशैली से प्राध्यापकों में नाराजगी है। राष्टीय सेवा योजना कार्यक्रम समन्वयक साक्षात्कार का परिणाम विश्वविद्यालय ने आज तक घोषित नहीं किया  है। साक्षात्कार को हुए करीब एक साल बीत चुके हैं। कुलपति का कहना है कि जो भी अभ्यर्थी साक्षात्कार देने आए थे वह शर्तों को पूरा नहीं करते थे। हमने उच्च विभाग को फिर से विज्ञापन जारी करने का अनुरोध पत्र भेजा है।  दुबारा विज्ञापन जारी किया जाएगा। बहरहाल डॉ.चंदेल को रासेयों का कार्यक्रम समन्वयक बनाया गया है।

             
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                               बिलासपुर विश्वविद्याल प्रशासन और विवाद के बीच तिरसठ का गठजोड़ है। एक बार फिर नया मामला सामने आया है। विवाद राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम समन्वयक की नियुक्ति को लेकर है। मालूम हो कि उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर 13 अगस्त 2014 को बिलासपुर विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम समन्वयक के एक-एक पद पर प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन बुलाए थे। साक्षात्कर दिसम्बर 2014 में हुआ। लेकिन अभ्यर्थियों को परिणाम आज तक नहीं मिला है।

               सीजी वाल के सवाल पर कुलपति डॉ.गौरीदत्त शर्मा ने बताया कि पांच लोग साक्षात्कार में आए थे। समिति ने उनमें से किसी को भी योग्य नहीं समझा।  दुबारा विज्ञापन निकाला जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल इस समय समन्वयक की जिम्मेदारी डॉ.चंदेल संभाल रहे हैं।

                        कुलपति ने बताया कि  जितने भी आवेदन मिले वे शर्तों को पूरा नहीं करते थे। प्रतिप्रश्न पर शर्मा ने बताया कि दो उम्मीदवार जरूर शर्तों को पूरा करते थे। लेकिन उच्च शिक्षा विभाग के कुछ नियमों के तहत उनका चयन नहीं किया गया। कुलपति ने बताया कि विज्ञापन में जारी तमाम निर्देशों के बाद भी उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार प्रायवेट य़ा अनुदान प्राप्त किसी भी महाविद्यालय का प्राध्यापक डेपुटेशन के योग्य नहीं है। चूंकि आवेदन प्रायवेट संस्थान के प्राध्यापकों से मिले थे इसलिए उनका चयन कार्यक्रम समन्वय के लिए नहीं हुआ। लेकिन शर्मा ने यह नहीं बताया कि विज्ञापन जारी करते समय इन शर्तों को क्यों नहीं चिन्हांकित किया गया।

                                        कुलपति के शर्मा के अपने अलग तर्क हैं। लेकिन इस सच्चाई को झुठलाया नहीं जा सकता है कि पिछले 11 साल तक रविशंकर विश्वाविद्यालय कार्यक्रम समन्वय की जिम्मेदारी दुर्गा कालेज के प्राध्यापक सुभाष चन्द्राकर ने संभाला था। इसी तरह राज्य सूचना अधिकारी की जिम्मेदारी डीपी विप्र प्रायवेट कालेज के प्राध्यापक डॉ.व्ही.के.पटेल ने एक साल तक संभाला। यह हो सकता है कि पुराने हो। लेकिन वर्तमान में दुर्ग जिला रासेयों कार्यक्रम अधिकारी की जिम्मेदारी निभा रहे आर.पी.अग्रवाल दुर्गा प्रायवेट कालेज से हैं। प्रश्न उठता है कि क्या उच्च विभाग ने अलग -अलग विश्वविद्यालय के लिए अलग-अलग नियम बनाए हैं। यदि ऐसा है तो सोचने की बात है। यदि नहीं है तो बिलासपुर विश्वविद्यालय ने फिर एक नए विवाद को जन्म दिया है।

             कुलसचिव अरूण सिंह ने बताया कि  कुछ अभ्यर्थी जारी किए गए विज्ञापन की अहर्ता को पूरी करते तो थे लेकिन उनका चयन नहीं हुआ। क्यों नहीं हुआ इस बारे में मैं कुछ भी नहीं बोल सकता। इतना तय है कि यदि चयन नहीं हुआ तो उसके कुछ कारण जरूर होंगे।

                      अभी पीएचडी का मामला शांत नहीं हुआ है कि रासेयों समन्वय का मामला सिर उठाने लगा है कि देखना है कि प्राध्यापक अपनी लड़ाई कहां तक लड़ते हैं। लेकिन इतना तय है कि बिलासपुर विश्वविद्यालय और विवाद एक दूसरे के पूरक हैं। जब एक शांत होता है तो दूसरा सिर उठाने लगता है।

IMG_20151223_131502जरूरी नहीं समझा गया

            चूंकी एक साल पीछे का मामला है। अब क्यों सामने आ रहा है मुझे नहीं मालूम। समिति ने किन्ही ना किन्हीं कारणों से ही आवेदकों को अयोग्य पाया होगा। इसलिए उनका चयन नहीं हुआ। कमेटी में रासेयो भोपाल के अधिकारी , पदेन अध्यक्ष कुलपति शर्मा, पदेन सचिव विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार और अन्य दो सदस्य थे। आवेदको का साक्षात्कार बेहतर होता तो चयन जरूर होता। लेकिन नहीं हुआ। क्यों नहीं हुआ इसकी जानकारी मैं बताना उचित नहीं समझता हूं।

                                                                      डॉ.अरूण सिंह..रजिस्ट्रा,बिलासपुर विश्वविद्यालय बिलासपुर,पदेन सचिव…चयन समिति

प्रायवेट कालेज प्राध्यापक मान्य नहीं

            डेपुटेशन में प्रायवेट कालेज के प्राध्यापक मान्य नहीं है। उच्च शिक्षा विभाग ने गाइड लाइन तय किये हैं। गाइन लाइन के आधार पर इंटरव्यू देने वाले योग्य नहीं पाए गए। फिर से विज्ञापन जारी किया जाएगा।

                                                   डॉ.गौरीदत्त शर्मा..कुलपति बिलासपुर विश्वविद्यालय,बिलासपुर…पदेन अध्यक्ष…चयन समिति

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