बिलासपुर—- पुलिस पर आरोप लगाने वाले भाजपा नेता ने हाईकोर्ट परिसर में नींद की गोली खाकर जान देने का प्रयास किया था। रत्तू मिश्रा को गंभीर हालत पुलिस ने अपोलो में कल दाखिल कराया था। रत्तू मिश्रा की हालत खतरे से बाहर बतायी जा रही है। पुलिस कप्तान ने मामले में एक प्रधान आरक्षक को लाइन अटैच किया है। एसपी मयंक श्रीवास्तव ने एडिश्नल एसपी प्रशांत कतलम को मामले में जांच करने का आदेश दिया है।
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पुलिस रिकार्ड के अनुसार डेढ़ दर्जन से अधिक अपराधिक मामलो में शामिल भाजपा नेता रत्तू उर्फ शैलेन्द्र मिश्रा ने कल दोपहर को हाईकोर्ट परिसर में नींद की गोली खा कर जान देने का प्रयास किया था। अपोलो डाक्टर ने रत्तू मिश्रा के हालत में सुधार होना बताया है। सरकंडा थाने में भाजपा नेता के खिलाफ मारपीट और लोगो को डरा धमका कर रूपये वसूली करने समेत कई मामले दर्ज हैं। जानकारी के अनुसार पुलिस रत्तु मिश्रा को जिला बदर की कार्रवाई करने की योजना बना रही थी।
पुलिस को बिल्डर असीम चक्रवर्ती की शिकायत पर धारा 327 के तहत रत्तू मिश्रा की तलाश थी। कार्रवाई से बचने के लिए उसने बीते शुक्रवार को हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत लेने याचिका लगाई थी। याचिका खारिज होने के बाद भाजपा नेता ने महाअधिवक्ता कार्यालय के पास नीद की गोली खा लिया। हाईकोर्ट परिसर में अचेत हालत में देख कुछ लोगो ने उसे देखा। तत्काल हाईकोर्ट हास्पिटल में दाखिल कराया गया। हालत बिगड़ने पर रत्तू को पहले सिम्स इसके बाद अपोलो में दाखिल कराया गया। फिलहाल उसकी हालत अभी खतरे से बाहर है।
सरकंडा थाने में रत्तु मिश्रा के खिलाफ 323, 294, 506 के 2002 से अब तक 7 मामले और जुआ एक्ट के तीन मामले 107-116 के दो मामले दर्ज हैं। क्षेत्र में रत्तू मिश्रा की दहशत है। उसके खिलाफ सिविल लाइन और चकरभटा थाना में भी मामला दर्ज है। पुलिस से बचने के लिए रत्तू मिश्रा कुछ दिनों से फरार चल रहा था। शुक्रवार को सुसाइड नोट तैयार कर अचानक हाईकोर्ट पहुचा। सुसाइड नोट मुख्य न्यायाधीश उच्चन्यायालय के नाम लिखा था।
पत्र में रत्तु मिश्रा ने आईपीसी कि धारा 354 छेड़छाड़ और मारपीट करने का मामला बिना जांच के उसके भतीजे के खिलाफ दर्ज की बात लिखी है। पुलिस पर कई प्रकार भी आरोप लगाया गया है। रत्तु मिश्रा ने न्यायाधीश के नाम तैयार पत्र में सरकंडा थाने के प्रधान आरक्षक चन्द्रकांत डहरिया और रीडर दिनेशकांत युवती से मोटी रकम लेने का भी आरोप लगाया है। सिविल लाइन थाने में पदस्थ भरत राठौर और आशीष राठौर को मामले में गवाह बनाने की बात भी लिखी है।
जानकारी के अनुसार रत्तू मिश्रा ने हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद जेब से नींद की गोली निकाल कर खा लिया। बहुत देर तक परिसर में अचेत अवस्था में वकीलों ने देखा। आनन फानन में प्राथमिक उपचार के बाद उसे 108 की सहायता से अपोलो में दाखिल कराया गया। रत्तू मिश्रा के पत्र में चोरभठ्ठी के एक पार्टी में उसके खिलाफ जबरन मामला दर्ज कर पुलिस की शिकायत में फरार बताने का आरोप भी लगाया है। बिल्डर की शिकायत के साथ ही अन्य मामलो में फर्जी एफआईआर दर्ज कराने की बात भी लिखी गयी है।
रत्तू मिश्रा के पत्र के बाद पुलिस महकमें में हड़कम्प है। आनन-फानन में एसपी ने एक आदेश में सरकंड़ा के प्रधान आरक्षक चन्द्रकांत डहरिया को लाइन अटैच कर दिया है। घटना के बाद रत्तू मिश्रा के परिजनों ने देर शाम सरकंड़ा थाने का घेराव करते हुए थाना प्रभारी को हटाने की मांग की थी। एसपी मयंक श्रीवास्तव ने आरोप को गंभीरता से लेते हुए एडिश्नल एसपी प्रशांत कतलम को जांच का आदेश दिया है।