रविन्द्र चौबे के आने और जाने के बीच.. सवाल कायम..बिलासपुर का मेयर कौन ?…अब रायपुर से होगा फैसला

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— पर्यवेक्षक घोषणा के बाद बिलासपुर वासियों को खासकर स्थानीय कांग्रेस संगठन के नेताओं को रविन्द्र चौबे का बेसब्री से इंतजार था। साल के पहले दिन रविन्द्र चौबे आए..और कुछ घंटों के बाद चले भी गए। लेकिन सवाल कायम रहा कि आखिर बिलासपुर का मेयर कौन होगा। क्योंकि इस दौरान पर्यवेक्षक की ना तो किसी से खुलकर बातचीत ही हुई। और ना ही मेयर को लेकर बहुत ज्यादा चर्चा हुई। इस दौरान जिनके नेतृत्व में बिलासपुर निगम चुनाव लड़ा गया। वह भी शहर से बाहर थे।

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                    निकाय चुनाव में भारी सफलता के बाद प्रदेश संगठन ने दस निगम समेत नगरपालिका और नगर पंचायतों में मेयर और अध्यक्ष चुनाव को लेकर पर्यवेक्षकों की नियुक्ति हुई। संगठन ने आदेश जारी किया कि पर्यवेक्षक क्षेत्र में जाकर पार्षदों और सीनियर नेताओं से रायशुमारी कर मेयर और अध्यक्ष के नाम का फैसला करें। इसी क्रम में साल बीतने के बाद बिलासपुर निगम पर्यवेक्षक रविन्द्र चौबे का नए साल के पहले दिन आना हुआ। उन्होने खुद बताया कि प्रदेश महामंत्री से बातचीत के दौरान पता चला कि इस समय पार्षदों के साथ नया साल मनाने कही बाहर हैं। बावजूद इसके बिलासपुर आना हुआ।

                   इस दौरान रविन्द्र चौबे अन्य नेताओं को भी याद किया। मौके पर मेयर पद के दावेदार रामशरण यादव, राजेश शुक्ला,शेख नजरूद्दीन और विजय केशरवानी पुूरे समय मौजूद रहे। साथ ही स्थानीय विधायक शैलेष पाण्डेय, आशीष सिंह, अर्जुन तिवारी,विजय पाण्डेय भी मौजूद थे। इसके अलावा नेताओं के बीच पत्रकारों की भी उपस्थिति रही। इस दौरान मेयर पद को लेकर बहुत गंभीरता से बातचीत नहीं हुई। हां हल्के फुल्के माहौल में मेयर पद की दावेदारी को लेकर चर्चा हुई। लेकिन बात को बहुत गंभीरता से पर्यवेक्षक ने नहीं लिया। उन्होने जरूर कहा कि दावेदार सब सामने हैं। यही लोग बताएंगे की मेयर कौन बनेगा।

                 इस दौरान पर्यवेक्षक रविन्द्र चौबे ने अशोक अग्रवाल और अनिल टाह को जरूर याद किया। पत्रकार वार्ता के दौरान दोनों नेता पहुंच गए। पत्रकारों से चर्चा के बाद दोनों नेताओं के साथ रविन्द्र चौबे कमरे में चले गए। कुछ देर बाद मेयर के अन्य दावेदार रविन्द्र सिंह भी छत्तीसगढ़ भवन पहुंचे।

                    सूत्रों की माने तो कमरे में कुछ देर की बातचीत के बाद रविन्द्र चौबे छत्तीसगढ़ भवन से रवाना हो गए। 

                  अन्दर की खबर की मानें तो रविन्द्र चौबे ने बन्द कमरे मेंजो भी बातचीत की हो…वह तो उनके साथ के नेता जाने। लेकिन अन्त में बात यही समझ में आयी कि उनका आना और जाना महज औपचारिक साबित हुआ है। अब मेयर का फैसला रायपुर से ही होगा। जिसका एलान तीन जनवरी की रात या 4 तारीख की सुबह कर लिया जाएगा। क्योंकि मामले में अन्य नेताओं की अनुपस्थित के कारण मेयर पद के दावेदारों पर बहुत अधिक से गंभीरता से विचार नहीं हो सका है।

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