लापता को मृत घोषित करने की मांग—अजीत जोगी

BHASKAR MISHRA
1 Min Read

jogiरायपुर—पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान आकर्षित करते हुये कहा है कि साल 2002 के गुजरात दंगों में अल्पसंख्यकों को जान.माल की भारी क्षति उठानी पड़ी थी। उस भयावह कत्लेआम के समय आप ही वहां के मुख्यमंत्री थे। उस समय दंगों से प्रभावितों ने पुलिस में कई शिकायतें और रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। उन दंगों के बाद लापता हजारों अल्पसंख्यकों का आज तक कोई अता.पता या सुराग गुमशुदाओं के रिश्तेदारों या गुजरात पुलिस को नहीं मिले हैं। स्पष्ट है कि लापता अल्पसंख्यक दंगों के दौरान ही शहीद कर दिये गये थे।

Join Our WhatsApp Group Join Now

जोगी ने प्रधानमंत्री से देश की स्थापित कानून का हवाला देते हुये कहा है कि गुम इंसान की रिपोर्ट लिखे जाने के बाद यदि लापता का सात साल तक कोई अता.पता नहीं चलता है तो कानूनन उसे मृत माना जाता है। गुजरात दंगों को 12.13 साल हो चुके हैं। अभी तक गुमशुदा लोगों के जीवित होने बाबत् कोई साक्ष्य नहीं मिला है। उन्हें मृत मानते हुये मृतकों के परिजनों को 20.20 लाख रूपया मुआवजा राशि दिलवाने संबंधितों को निर्देशित करना एक नैतिक दायित्व है। उन्होने कहा कि इस विषय पर गंभीरता से विचार करेंगे और  सकारात्मक निर्णय लेते हुए साहसिक कदम उठावेंगे।

close