लिपिक कर्मचारी नेता कहा..वेतन कटौती को कहा आर्थिक आघात… सरकार निरस्त करे आदेश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—वित्त विभाग ने मितव्यय और अनुशासन का हवाला देकर कर्मचारियों के वार्षिक वेतन वृद्धि पर आगामी आदेश तक रोक लगा दिया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ ने  आदेश को कर्मचारियों पर आर्थिक आघात बताया है।
 
                छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने कहा कि वार्षिक वेतन कटौती कर्मचारियों पर आर्थिक आघात है। रोहित तिवारी ने आदेश निरस्त किए जाने की मांग की है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने बताया कि राज्य सरकार अपने किए वादे के खिलाफ कर्मचारियों पर आर्थिक कुठाराघात कर रही है। मुख्यमंत्री ने  2020 को कर्मचारियों का वर्ष घोषित किया था। जब केन्द्र सरकार ने महगांई भत्ते पर रोक लगाने का एलान किया तो शासन की तरफ से मंत्री रवीन्द्र चोबे ने बयान जारी किया कि छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के वेतन में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं होगी।
 
              रोहित ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा था कि कांग्रेस शासित राज्यों में कर्मचारियों के वेतन में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं होगी। छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को जूलाई 2019 से महगांई भत्ता नहीं दिया जा रहा है। प्रतिमाह कर्मचारियों को न्यूनतम 2000 से अधिक का नुक़सान हो रहा है। ऐसे में वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक जैसा आदेश कर्मचारियों को हतोत्साहित करने वाला और अमानवीय कदम है। 
 
          संघ  आदेश का पुरजोर विरोध करता है।  यदि कर्मचारी विरोधी आदेश वापस नहीं हुआ तो संघ उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा। इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन की होगी। तिवारी ने बताया कि यह कैसा कर्मचारी वर्ष है जिसमें कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है।  कर्मचारी कोरोना के कहर के बाद भी जान हथेली पर रख दायित्व निर्वहन कर रहे हैं। आर्थिक आघात समझ के परे है।
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