बिलासपुर(मनीष जायसवाल)।छत्तीसगढ़ सरकार के वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट को पेश करने की तैयारी अंतिम चरण में आ चुकी है। प्रदेश का बजट खास कर राज्य के कर्मचारियों के लिए क्या लाभ लेकर आता है इसे लेकर अब चर्चा शुरू हो गई है।जिसे लेकर राज्य के कर्मचारी भी उत्साहित है। सभी को उम्मीद है कि कांग्रेस के जनघोषणा पत्र के वायदों को इस बजट में शामिल किया जायेगा। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने एक वर्ष से अधिक का समय हो चुका है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
लोकसभा चुनावों को छोड़ कांग्रेस को जैसी रिकार्ड तोड़ सफलता विधानसभा चुनाव में मिली वैसी ही सफल तस्वीर नगरीय निकायों और पंचायत चुनावों में भी नज़र आई है। कांग्रेस को एक साल में मिले चुनावी परिणामो को यह संकेत माना जा सकता है, कि राज्य के कर्मचारियों के लिए सरकार के साल भर का कार्यकाल सन्तुष्टि भरा था ………….. ! अब सरकार कर्मचारियों को कितना संतुष्ट करेगी।
बजट में कल्यणकारी राज्य की आर्थिक स्थिति …अस्सी की आमद और चौरासी खर्च जैसी रहती है। इस स्थिति में प्रदेश के एक लाख साठ हजार से अधिक शिक्षाकर्मीयो के खाते में क्या आएगा इसे लेकर शिक्षक संघों में उत्सुकता और चिन्ता भरी हुई है। यह शिक्षको के बीच और सोशल मीडिया में देखी जा सकती है।
शिक्षको को उम्मीद है कि इस बार बजट में राज्य सरकार के घोषणा पत्र के अनुसार समस्त पंचायत संवर्ग के शिक्षकों का आठ साल की सेवा की बंदिश हटा कर दो साल पूर्ण कर चुके शिक्षा कर्मीयो का शिक्षा विभाग में संविलियन करेंगी… और प्रथम नियुक्ति तिथि से गणना कर वेतन विसंगति को दूर करने के लिए कदम उठाएगी।
अनुकम्पा नियुक्ति की प्रक्रिया सरल होगी….. शिक्षको की पूर्व सेवा अवधि को जोड़कर पदोन्नति या उच्चत्तर वेतनमान का प्रावधान बजट में शामिल होगा। वायदे के अनुसार पुरानी पेंशन बहाली के लिये सरकार उचित कदम उठायेगी। महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए और जीवनयापन की लागत को समायोजित करने के लिए राज्य सरकार महंगाई भत्ता 15 प्रतिशत करेगी।
सोशल मीडिया का दौर में सूचनाएं और आचार – विचार बहुत तेजी से फैलते है। शिक्षक संघों की रणनीति के ट्रेंड इशारा कर रहे है कि शिक्षक संघ अपनी मांगों को लेकर अभी आर- पार की लड़ाई के मूड में नही है। न ही बहुत ज्यादा आक्रमक है। शिक्षक संघ मौजूदा बैठी राजनीतिक बिसात पर नजरें बिछाए बैठे है। राज्य के बजट का इंतजार कर रहे है। और सही समय का इंतजार कर रहे है। फिलहाल वे ज्ञापनों के जरिये शिक्षको की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री व राज्य के मंत्रियों सहित शिक्षा व पंचायत विभाग के अधिकारीयो का ध्यानाकर्षण कर रहे है।
बजट की नजदीकी को देखते हुए लगता है कि बजट की तैयारी सम्भवतः हो चुकी है। अब नया जोड़ घटाव अनुपूरक बजट में ही शामिल होगा। शिक्षा विभाग में वर्तमान में चल रही ज्ञापन पॉलिसी से कई शिक्षक नाराज है। शिक्षक संगठनों के इस व्यवहार से आम शिक्षक हतोत्साहित है। वे अपनी भड़ास सोशल मीडिया में जाहिर कर रहे है। आम शिक्षक मुख्यमंत्री के हर टिवीट पर भी समस्याओं को रख रहे है। जिससे सरकार भी अंजान नही है।
शिक्षको के अलावा राज्य के कर्मचारियों कोभी कांग्रेस सरकार के दूसरे बजट 2020 से कई उमीद है। प्रदेश में कि मेडिकल स्टाफ, तृतीय व चतुर्थ कर्मचारियों की कमी है जिसे भरने के लिए बजट में प्रावधान हो सकते है। कर्मचारी अनुमान लगा रहे है कि इन भर्ती से पूर्व सरकार राज्य के संविदा कर्मियों और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को संविलियन कर सकती है। चुनाव पूर्व कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया था।
बताते चले कि छत्तीसगढ़ राज्य का पहला बजट सात हजार करोड़ से शुरू हुआ था और अब बढ़ते हुए वर्ष 2020 में 99 हजार करोड़ स्र्पये तक पहुँचने का अनुमान है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर आम जनता से बजट के लिए सुझाव भी मागे थे।