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रायपुर।48 हजार शिक्षाकर्मियों को संविलियन से वंचित कर, लगभग 15 हजार नियमित पदों पर नई शिक्षक भर्ती करने के फैसले का राज्य स्तर पर जमकर विरोध करने के बाद “नई शिक्षक भर्ती स्टे मंच” ने उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है।इसके लिए सौ से अधिक शिक्षकों के आवेदन तैयार कराने की जानकारी दी गई है।सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
“नई शिक्षक भर्ती स्टे मंच” के प्रदेश संयोजक जाकेश साहू, दिनेश चौहान एवं अखिलेश शर्मा ने संयुक्त बयान जारी कर बताया कि उक्त भर्ती प्रक्रिया पर राज्य सरकार द्वारा हाईकोर्ट में केविएट लगाना कोई नई चीज नहीं है। इसका हमें पहले से पता था कि इस भर्ती प्रक्रिया पर राज्य सरकार कैविएट लगा सकती है ।
कैविएट लगाने से सिर्फ यह होगा कि हमारे केश दायर करने पर कोर्ट सीधे तौर पर शिक्षक भर्ती में कोई फैसला देने से पहले राज्य सरकार का पक्ष सुनेगी । फिर कोई फैसला देगी । क्योकि नई शिक्षक भर्ती की पूरी प्रक्रिया ही गलत है।
उन्होने कहा कि 48 हजार शिक्षकों को सरकार पहले संविलियन करे । तत्पश्चात नई भर्ती करें। चूंकि नई भर्ती के बाद नए शिक्षक सीनियर हो जाएंगे । जबकि 6-7 वर्षो से विभाग में सेवा दे रहे संविलियन से वंचित शिक्षक जूनियर हो जाएंगे । जो न्याय के प्राकृतिक सिद्धांतो के पूर्णतः विपरीत है।
जाकेश साहू, दिनेश चौहान एवं अखिलेश शर्मा ने आगे बताया कि “नई शिक्षक भर्ती स्टे मंच” द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी । अभी तक “मंच” के माध्यम से 148 शिक्षाकर्मियों ने केश लगाने के अपनी सहमति देते हुए वकालत नामा में अपने हस्ताक्षर किए है । जिसे “मंच” के वकील के माध्यम से कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।उन्होने वकालतनामा में हस्ताक्षर करने वाले शिक्षकों की भी सूची जारी की है।