शिक्षा की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं-प्रेमप्रकाश

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prem1रायपुर। उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा है कि उच्च शिक्षा की राष्ट्रीय नीति बनाने में छत्तीसगढ़ राज्य की भी महत्वपूर्ण भागीदारी होगी। श्री पाण्डेय ने आज यहां केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित नयी उच्च शिक्षा नीति पर आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार छत्तीसगढ़ में भी उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नयी शिक्षा नीति का प्रारूप तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस सिलसिले में पहले विकासखण्ड, जिला और संभाग स्तर पर चर्चा-परिचर्चाओं का दौर पूर्ण होने के बाद आज प्रदेश स्तर पर कार्यशाला आयोजित कर शिक्षाविदों, प्राध्यापकों और प्रबुद्ध नागरिकों के सुझाव लिए गए।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री पाण्डेय ने कार्यशाला के शुभारंभ सत्र में कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नयी शिक्षा नीति बनाने में छत्तीसगढ़ राज्य का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। उन्होंने कहा कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए बेहतर एवं उच्च प्रबंधन होना चाहिए। इसके लिए सभी कारगर कदम उठाने की जरूरत है। शिक्षण संस्थानों में बेहतर शिक्षक होंगे तो शिक्षा की गुणवत्ता में अपने आप सुधार होगा । शिक्षा आज समय की मांग के अनुरूप होनी चाहिए। श्री पाण्डेय ने उम्मीद जताई कि प्रस्तावित नयी शिक्षा नीति में इन कार्यशालाओं में प्राप्त सुझावों को भी ध्यान में रखा जाएगा। श्री पाण्डेय ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग की नयी शिक्षा नीति विद्यार्थियों पर केन्द्रित होनी चाहिए, ताकि उनके व्यक्तित्व का विकास हो सके। उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है और विश्व का सर्वाधिक युवा हमारे देश में हैं हमारे युवाओं में योग्यता एवं ज्ञान की कमी नहीं है। यह जरूरी है कि हम अपने युवाओं की प्रतिभा का सही विकास करें। उनके लिए अच्छी शिक्षा नीति बनाए। उन्हें ऐसा वातावरण मिले जिससे उनकी ज्ञान, क्षमताओं एवं योग्याताओं का विकास हो सकें।
eduश्री पाण्डेय ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता के साथ किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जा सकता। देश में शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर बढ़ाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जाने की जरूरत है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को उत्कृष्टता का केन्द्र बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। उच्चशिक्षा मंत्री ने कहा कि हमें आने वाली चुनौतियों का सामना करना होगा और बेहतर से बेहतर योजनाएं बनानी होंगी। वही युवाओं के कैरियर के लिए नये आयामों की तलाश भी करनी होगी। कार्यशाला में उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. बी.एल. अग्रवाल ने आयोजन के संबंध में विस्तृत प्रकाश डाला। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य हिन्दी ग्रंथ अकादमी के संचालक रमेश नैय्र, श्रीमती इन्दिरा मिश्रा, डॉ. सुशील अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार हिमांशु द्विवेदी तकनीकी शिक्षा विभाग के संचालक हिमांशु गुप्ता ने भी अपने सुझाव दिए। कार्यशाला प्रदेश स्थित शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति अग्र्रणी महाविद्यालयों के प्राचार्य, प्राध्यापक, शिक्षाविद, छात्रसंघ के पदाधिकारी सहित उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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