संपत्तिकर बृद्धि के खिलाफ एलान ए जंग

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—नगर निगम नेता प्रतिपक्ष की अगुवाई में कांग्रेस ने आयुक्त महापौर और सभापति से सालाना भाड़ा बृद्घि के खिलाफ विशेष सम्मेलन की मांग की है। कांग्रेसियों ने आरोप लगाया है कि जनप्रतिनिधियों से बिना विचार विमर्श किये बिलासपुर की जनता पर भारी कर बृद्धि अन्याय है। कांग्रेसियों ने आयुक्त से नगरपालिक अधिनियम 1956 के धारा 30 के तहत विशेष सम्मेलन बुलाए जाने को कहा है। साथ ही मांग पूरी नहीं होने पर सभा और सड़क दोनों नहीं चलने देने की बात कही है।

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                       निगम कांग्रेस पार्षद दल के प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल ने बताया कि सरकार ने गुपचुप तरीके से बिना जनप्रतिनिधियों से विचार विमर्श किये वार्षिक भाड़ा बढ़ा दिया है। आश्चर्य की बात है कि इस मामले में ना तो सभापति को कुछ मालूम है और ना ही महापौर को। आयुक्त ने निकाय सचिव से मिले आदेश को जस के तस बिलासपुर की जनता पर थोप दिया है। जबकि प्रदेश में इस आदेश को लेकर विरोध है। निगम प्रतिनिधि इस पर बहस की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन बिलासपुर में इसे तानाशाही के साथ लागू कर दिया गया है।

                   शैलेन्द्र ने बताया कि पचास प्रतिशत वार्षिक भाड़ा बढ़ने से सम्पत्तिकर में एक सौ पचास प्रतिशत की बृद्धि हो जाएगी। जाहिर सी बात है कि समेकित कर, प्रकाश कर, पानी कर भी बढ़ जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले साढ़े चार सौ वर्ग फिट पर सामान्य लोग बड़ी मुश्किल से सालाना 350 रूपए कर अदा कर पाते थे। अब यह कर बढ़कर चौदह सौ से पन्द्रह सौ के बीच हो जाएगा। इसके बाद गरीबों का जीना हराम हो जाएगा।

                     कांग्रेस पार्षद दल प्रवक्ता ने बताया कि शासन के आदेश को इतने जल्दी लागू करने की क्या जरूरत थी। नियमानुसार इस मसले को पहले सामान्य सभा में लाना चाहिए था। इस पर बहस होती। कुछ निर्णय होता। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ । उन्होंने बताया कि पचास प्रतिशत भाड़ा बढ़ गया लेकिन सत्तादल के पार्षदों की बात दूर खुद सभापति और महापौर को भी इसकी जानकारी नहीं है।

                     शैलेन्द्र ने बताया कि पूर्व में जब कांग्रेस ने निगम बजट में बेतहाशा कर वृद्धि का विरोध किया था। तो मंत्री ने आश्वासन दिया था कि बिलासपुर वासी बढ़े हुए कर का भुगतान नहीं करेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया था कि नगर वासियों को आने वाले समय में किसी प्रकार का अतिरिक्त कर नहीं लगाया जाएगा। बावजूद इसके बिना सोचे समझे गुपचुप तरीके से बिलासपुर वासियों पर अतिरिक्त भार थोप दिया गया।

                 जायसवाल ने बताया कि शासन ने 31 अगस्त को पचास प्रतिशत कर वृद्धि का आदेश दिया। जिसे आयुक्त ने बिना जनप्रतिनिधियों की राय से विवेकाधिकार का प्रयोग करते हुए 21 सितम्बर को बिलासपुर वासियों पर पचास प्रतिशत कर थोप दिया। जिसका कांग्रेस पार्टी विरोध करती है।

               जायसवाल ने बताया कि हमने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सभापति महापौर और आयुक्त से संविधान के अनुसार विशेष सभा बुलाए जाने की मांग की है। शैलेन्द्र जायसवाल ने बताया कि यदि जनता पर अतिरिक्त कर लादा गया या फिर कुछ भी गैर संवैधानिक तरीके से निर्णयों को थोपा गया तो कांग्रेस पार्षद और संगठन ना तो सभा चलने देगी और ना ही सड़क खाली रखा जाएगा।

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